Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jul, 2017 06:36 PM
भारत और चीन के बीच पिछले कुछ समय से तनाव बढ़ता चला जा रहा है। सिक्किम के ...
बीजिंग: भारत और चीन के बीच पिछले कुछ समय से तनाव बढ़ता चला जा रहा है। सिक्किम के पास डोकलाम में बॉर्डर पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। वहीं चीन अपनी हरकतों से बाज आने का नाम नहीं ले रहा । चीनी अखबार ने अपने आर्टिकल में साफ तौर पर लिखा है कि चीन भारत से किसी भी तरह के संघर्ष के लिए तैयार है। भारत पर दबाव बनाकर चीन पूरी दुनिया को कई संदेश देना चाहता है।
-खुद को दर्शाना चाहता है एशिया की एकलौती महाशक्ति
पिछले कुछ दशकों में काफी तेजी से विकास करने वाला चीन खुद को एशिया की एकलौती महाशक्ति दर्शाना चाहता है लेकिन भारत भी एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरा है। पीएम मोदी लगभग अपने हर भाषण में कहते हैं कि पूरी दुनिया की नजर एशिया पर है और एशिया में भी भारत पर सभी की नजरें हैं।
- ड्रीम प्रोजेक्ट में सबसे बड़ा रोड़ा भारत
चीन अपने ड्रीम प्रोजेक्ट वन बेल्ट, वन रोड में किसी भी देश की दखल अंदाजी पसंद नहीं करता। चीन का मानना है कि इस प्रोजेक्ट में सबसे बड़ा रोड़ा भारत ही है।भारत को छोटा दिखा कर चीन यह संदेश देना चाहता है कि अगर उसके रास्ते में कोई आता है तो उसका काफी असर होगा। चीन के इस प्रोजेक्ट का कुछ हिस्सा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है, जिसपर भारत को आपत्ति है। चीन का यह प्रोजेक्ट चीन को सीधे तौर पर यूरोप से जोड़ देगा।
- अमरीका को खुली चुनौती देने की कोशिश
अमरीका की बात करें तो वह हमेशा चीन के मुद्दे पर लगातार भारत, जापान के साथ खड़ा रहा है। अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप हर मोर्चे पर चीन का विरोध करते नजर आए हैं। भारत पर कड़ा रुख अपनाकर चीन सीधे तौर पर अमरीका को खुली चुनौती देने की कोशिश कर रहा है।
- भारत ही नहीं चीन के अपने पड़ोसी देशों के साथ भी तनातनी
भारत ही नहीं चीन के अपने पड़ोसी देशों के साथ भी तनातनी चल रही है। दरअसल दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर चीन को दुनिया के कई बड़े देशों का सामना करना पड़ा है। अमरीका, जापान और भारत सहित कई बड़े देश इस मुद्दे पर चीन को नसीहत दे चुके हैं। भारत और दक्षिण चीन सागर में चीन के अड़ियल रवैये के बीच अमरीका और ऑस्ट्रेलिया ने चीन की बढ़ती राजनीतिक और सैन्य महत्वकांक्षाओं को लेकर चेताया है। शीर्ष पेंटागन कमांडर ने जहां एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन के सैन्य जमावड़े को लेकर, तो ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण चीन सागर पर प्रभुत्व स्थापित करने की चीनी तिकड़म का विरोध किया है।