Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Sep, 2017 11:25 AM
उत्तर कोरिया द्वारा लगातार किए जा रहे परमाणु परीक्षण कई देशों के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। उत्तर कोरिया ने छठा परमाणु परीक्षण करके उत्तर-पूर्व एशिया में नया डर और कोरियाई...
बीजिंग: उत्तर कोरिया द्वारा लगातार किए जा रहे परमाणु परीक्षण कई देशों के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। उत्तर कोरिया ने छठा परमाणु परीक्षण करके उत्तर-पूर्व एशिया में नया डर और कोरियाई धरती पर युद्ध के आसार पैदा कर दिए हैं। उसकी इस हरकत से कई देश सकते में हैं, खास तौर से अमरीका किसी भी तरह उस पर सख्त प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए उसने चीन से भी बात की।
उत्तर कोरिया पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग
मीडिया खबर मुताबिक, अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाइड्रोजन बम के परीक्षण के बाद उपजे विवादों पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बातचीत की लेकिन चीन के राष्ट्रपति ने अमरीका के उत्तर कोरिया पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग को नहीं माना। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ट्रंप को बताया कि चीन इस विवाद का समाधान बातचीत और शांति के साथ चाहता है। वहीं अमरीका के राष्ट्रपति ने कहा कि अमरीका उत्तर कोरिया के इस कदम से काफी चिंतित है और मानता है कि इस समस्या के समाधान में चीन की अहम भूमिका है। अमरीका, उत्तर कोरिया के खिलाफ वैश्विक नेताओं तक पहुंच बनाने का प्रयास कर रहा है और इसलिए चीन को भी मनाने की पूरी कोशिश कर रहा है।
चीन को सता रहा है डर
वहीं कुछ दिनों में ट्रंप जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे से कई बार बात कर चुके हैं। अमरीकी राजदूत निकी हेली ने सोमवार को कहा था कि हाइड्रोजन बम के परीक्षण के बाद अब संयुक्त राष्ट्र के रक्षा परिषद को उत्तर कोरिया के खिलाफ कड़े कदम उठाने की जरूरत है। हालांकि उसपर चीन ने अपनी सहमति नहीं दी थी।एेसा माना जा रहा है कि चीन इस मामले में खुलकर इसलिए विरोध नहीं कर पा रहा है क्योंकि उसे डर लग रहा है कि उत्तर कोरिया पर और प्रतिबंध लगने से उसकी आर्थिक स्थिति और खराब हो जाएगी। जिसके कारण कई लाख शरणार्थी चीन में शरण ले सकते हैं।