Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Oct, 2017 06:37 PM
उत्तर कोरिया ने पिछले महीने की शुरुआत में हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था। इसके बाद जापान के ऊपर से बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था। जिसका विरोध करते हुए अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे। अमेरिका ने आरोप भी लगाया था कि यदि चीन...
नई दिल्ली: उत्तर कोरिया ने पिछले महीने की शुरुआत में हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था। इसके बाद जापान के ऊपर से बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था। जिसका विरोध करते हुए अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबंध लगाए थे। अमेरिका ने आरोप भी लगाया था कि यदि चीन द्वारा उत्तर कोरिया को सहायता न मिले तानाशाह किम जोंग अपनी हरकतों से बाज आ जाएगा। अपनी सेना की पहुंच उत्तर कोरिया तक सुलभ बनाने के लिए उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र में छह लेन का एक हाईवे बना रहा है।
हालांकि, यह इलाका बहुत ठंडा और कम जनघनत्व वाला है। वहां बहुत कम संख्या में कार और अन्य गाडिय़ां हैं। ट्रैफिक भी बहुत कम है, बावजूद इसके वहां हाईवे बनाया जा रहा है। इस लिहाजा से माना जा रहा है कि यह हाईवे सीधे उत्तर कोरिया तक चीनी सेना की पहुंच के लिए बनाया जा रहा है।
सामरिक विशेषज्ञों का मानना है कि चीन द्वारा बनाए जा रहे इस ‘जी 1112 जियान-शुंगालियाओ एक्सप्रेसवे’ का मुख्य मकसद युद्ध टैंकों और सैनिकों को उत्तर कोरिया ले जाना है। ब्रिटिश वेबसाइट डेली स्टार.को.यूके के मुताबिक यह विशालतम एक्सप्रेसवे चीन के जिलिन प्रांत से जियान तक बनाई जा रही है। इस सीमावर्ती शहर की कुल आबादी 2 लाख 30 हजार ही है जो चीनी मानकों पर बहुत कम है। बता दें कि राजधानी बीजिंग में 24 मिलियन और शांघाई में 34 मिलियन लोग रहते हैं। इसलिए यह तर्कसंगत नहीं जान पड़ता कि लोगों के इस्तेमाल के लिए एक्सप्रेसवे बन रहा है। जियान शहर यालू नदी के पार है, जो उत्तर कोरिया की सीमा से काफी सटा हुआ है।