चीन में भी मोदी का नोट बैन फैसला सुर्खियों में, मीडिया कह रहा एेसी बात

Edited By ,Updated: 14 Nov, 2016 01:53 PM

chinese  media says crapping currency cannot  make corruption free india

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बड़े नोट बैन के एलान को चीनी मीडिया ने एक साहसिक और निर्णायक कदम करार दिया है लेकिन...

बीजिंगः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बड़े नोट बैन के एलान को चीनी मीडिया ने एक साहसिक और निर्णायक कदम करार दिया है लेकिन साथ ही कहा है कि 500 और 1000 के नोट को खत्म करने से भारत भ्रष्टाचार मुक्त नहीं हो सकता है। सोमवार को चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अचानक और चौंकाने वाला कदम उठाया है। इस कदम से भारत में तबाही आने जैसे हालात पैदा हो गए हैं। लाखों लोग सड़कों पर कतार में खड़े हैं ताकि वो अपने पुराने नोटों को बदलकर नए करेंसी नोट बैंकों से ले सकें।

चीनी अखबार के मुताबिक, “भारत में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और काला धन के खात्मे की दिशा में बड़े नोटों को प्रचलन से बाहर कर नरेन्द्र मोदी सरकार ने बड़ा साहसिक और निर्णायक कदम उठाया है।” अखबार में छपी लेख के लेखक अई जिन ने कहा, “नरेन्द्र मोदी ने जो निर्णय लिया है, वह वहां की वास्तविकता को दर्शाती है कि अधिकांश गैर कानूनी काम के लिए नकद में लेन-देन होता है और इसमें अधिकांशत: 500 और 1000 जैसे बड़े नोटों का इस्तेमाल होता है।

यह भारत के कैश सर्कुलेशन का करीब 80 फीसदी है। नोट बैन कर मोदी सरकार ने करप्शन की जड़ पर हमला बोला है।”कालेधन के खिलाफ भारत सरकार के 500 और 1,000 रुपए के बड़े नोटों को चलन से वापस लेने के फैसले का यूरोपीय संघ ने भी स्वागत किया है। यूरोपीय संघ ने कहा है, कि वित्तीय प्रणाली को कालेधन से मुक्त करने और इसमें पारदर्शिता लाने से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और आर्थिक वृद्धि की रफ्तार तेज होगी। यूरोपीय आयोग के उपाध्यक्ष जिर्की कटाईनेन ने वित्तीय प्रणाली को साफ सुथरा बनाने के भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की है। इसके अलावा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली लागू करने और कई अन्य सुधार उपायों को तेज करने के लिए भारत सरकार की सराहना की है।
 

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