सोशल मीडिया  पर वायरल चावल बॉल को लेकर खुल गया राज !

Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jun, 2017 04:54 PM

complete truth behind chinese plastic rice

सोशल मीडिया पर एक  ऐसा वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है ...

बीजिंगः सोश,ल मीडिया पर एक  ऐसा वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें चौंकाने वाला दावा किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वीडियो के जरिए दावा है कि चीन में तैयार हुआ प्लास्टिक का चावल भारत में सप्लाई किया जा रहा है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि हाथ में चावल लिया और उसकी गेंद बनाई फिर उसे पटका तो गेंद उछलती है।

इस वीडियो में उछलने वाली गेंद का रहस्य जानने के लिए  कृषि अनुसंधान केंद्र यानि पूसा में जेनेटिक डिपार्टमेंट के शोधकर्ता देश में इस वक्त देश के सबसे बड़े और जाने माने चावल वैज्ञानिक डॉक्टर अशोक कुमार सिंह से संपर्क किया तो डॉक्टर अशोक कुमार सिंह ने बताया कि प्लास्टिक का पानी सोखना संभव नहीं है जबकि चावल पकाते वक्त पानी सोख लेता है,प्लास्टिक से ऐसा नहीं हो सकता। चावल में कार्बोहाइड्रेट होता है।कार्बोहाइड्रेट दो तरह के होते हैं amylose और amylopectin। इन दोनों की मात्रा के आधार पर चावलों का गुण निर्धारित होता है. amylose की मात्रा 10 फीसदी से कम हो तो चावल चिपकता है ।

amylose मात्रा 22 फीसदी हो तो चावल नहीं चिपकता। यानि चावलों में carbohydrate amylose यानि स्टार्च की मात्रा कम हो तो पकाने के बाद चावल के दाने आपस में चिपकेंगे । इन पके हुए चावलों की बॉल बनाए जाने पर वो हवा में उछलेंगी नहीं, लेकिन चावल में amylose यानि स्टार्च की मात्रा 22 फीसदी या उससे ज्यादा हो तो बॉल बनाने पर 4 या 5 बार उसमें उछाल आएगा। इस तरह का चावल पकाने पर दाने आपस में चिपकते भी नहीं।चावलों में उछाल आने का असली या नकली चावल से कोई लेना-देना नहीं है।

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