Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Mar, 2018 11:16 AM
कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की अहम बैठक में शी चिनफिंग के तीसरी बार भी राष्ट्रपति बने रहने का मार्ग प्रशस्त हो गया। अहम बैठक में उस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई जिसमें राष्ट्रपति व उप राष्ट्रपति के दो कार्यकाल की बंदिश को हटाया गया। इस प्रस्ताव...
बीजिंगः कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की अहम बैठक में शी चिनफिंग के तीसरी बार भी राष्ट्रपति बने रहने का मार्ग प्रशस्त हो गया। अहम बैठक में उस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई जिसमें राष्ट्रपति व उप राष्ट्रपति के दो कार्यकाल की बंदिश को हटाया गया। इस प्रस्ताव को नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एनपीसी) में पेश किया जाएगा।
इसे चीन की राष्ट्रीय संसद का दर्जा हासिल है, लेकिन सीपीसी की रबर स्टैंप माना जाता है। जाहिर है कि सीपीसी के प्रस्ताव पर एनपीसी की बैठक में मुहर लग जाएगी और उसके बाद चिनफिंग को लगातार राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि सीपीसी के इस प्रस्ताव की अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के साथ चीन में भी निंदा हो रही है। वैश्विक स्तर पर माना जा रहा है कि इससे चिनफिंग बेलगाम हो सकते हैं तो चीन के भीतर सोशल मीडिया पर चर्चा है कि तानाशाही के नए युग की शुरुआत हो रही है। इससे चीन बहुत पीछे चला जाएगा।
गौरतलब है कि चीन में राष्ट्रपति व उप राष्ट्रपति को दो कार्यकाल ही मिल सकते हैं, लेकिन सीपीसी के तीन दिवसीय सत्र के समापन पर यह तय हो गया कि अब चिनफिंग मनमर्जी से पद पर बने रह सकते हैं। चीन के सरकारी समाचार पत्र यूथ डेली के पूर्व संपादक ली दतांग ने एक पत्र सोशल मीडिया पर प्रेषित करके सांसदों से अपील की कि इस प्रस्ताव के विरोध में मतदान करें। उनका कहना है कि यह पारित हो गया तो चीन सीपीसी के संस्थापक माओ जेदांग के दौर में चला जाएगा।