Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Mar, 2018 11:07 AM
वैज्ञानिकों का कहना है कि चीन का पहला स्पेस स्टेशन टीयांगोंग-1 कुछ ही हफ्तों में धरती से टकरा जाएगा। मगर वे यह बताने में अभी सक्षम नहीं हैं कि यह 8.5 टन वजनी मानव रहित स्पेस लैब पृथ्वी के किस क्षेत्र में गिरेगा। कहा जा रहा है कि इस स्पेस स्टेशन में...
बीजिंगः वैज्ञानिकों का कहना है कि चीन का पहला स्पेस स्टेशन टीयांगोंग-1 कुछ ही हफ्तों में धरती से टकरा जाएगा। मगर वे यह बताने में अभी सक्षम नहीं हैं कि यह 8.5 टन वजनी मानव रहित स्पेस लैब पृथ्वी के किस क्षेत्र में गिरेगा। कहा जा रहा है कि इस स्पेस स्टेशन में खतरनाक रसायन भरा हुआ है, जो हमारे लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। हालांकि धरती पर इसके आने के समय को लेकर अंतरिक्ष को मॉनिटर करनेवाली विभिन्न एजेंसियों का अलग-अलग अनुमान है। अमरीकी एयरोस्पेस कॉरपोरेशन का मानना है कि ये स्पेस स्टेशन अप्रेल के पहले हफ्ते तक नीचे आ सकता है। वहीं यूरोपियन स्पेस एजेंसी का कहना है कि ये 24 मार्च से 19 अप्रेल के बीच में धरती से टकराएगा।
गौरतलब है कि 2016 में चीन ने खुद माना था कि टीयांगोंग-1 अनियंत्रित हो चुका है। साथ ही इसे दोबारा नियंत्रित करने के सारे प्रयास विफल हो चुके हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि अंतरिक्ष स्टेशन का अधिकतर हिस्सा जलकर खाक हो जाएगा और करीब 10 से 40 फीसदी सैटेलाइट का बचा हुआ हिस्सा मलबे के रूप में गिर सकता है। पेरिस स्थित यूरोपीयन अंतरक्षि एजेंसी के विशेषज्ञ भी टीयांगोंग-1 पर लगातार निगरानी रख रहे थे। चीन की अंतरक्षि एजेंसी के मुताबिक, दिसंबर 2017 से टीयांगोंग-1 289.1 किलोमीटर (179 मील) से 281.3 किलोमीटर (174 मील) की औसत रफ्तार से नीचे आ रहा था।