Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 04:04 PM
कभी आपने सोचा है कि मकड़ी का जाल मधुमेह से आपको छुटकारा दिला सकता है? वैज्ञानिकों ने इसे संभव कर दिखाया है। उन्होंने एक ऐसी नवीन प्रतिरोपण तकनीक विकसित की है जिसे बाद में हटाया भी जा सकता है और यह मकड़ी के जाल की विशेषताओं से प्रेरित है जिससे टाइप 1...
न्यूयॉर्क: कभी आपने सोचा है कि मकड़ी का जाल मधुमेह से आपको छुटकारा दिला सकता है? वैज्ञानिकों ने इसे संभव कर दिखाया है। उन्होंने एक ऐसी नवीन प्रतिरोपण तकनीक विकसित की है जिसे बाद में हटाया भी जा सकता है और यह मकड़ी के जाल की विशेषताओं से प्रेरित है जिससे टाइप 1 मधुमेह पर नियंत्रण पाने में मदद मिल सकती है।
टाइप 1 मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए रोजाना इंसुलिन के इंजेक्शन लगाना एक तरह से जीने और मरने का सवाल होता है। इस बीमारी में अग्नाशय में कोशिकाओं का गुच्छा बनाने वाले इन्सुलिन को शरीर का पाचक तंत्र खत्म कर देता है। इसका कोई उपचार नहीं है लेकिन अमेरिका में कॉर्नेल विश्वविद्यालय के एक शोध दल ने एक मरीज के शरीर में हजारों कोशिकाओं का गुच्छा प्रतिरोपित करने का तरीका ईजाद किया है। इन कोशिकाओं पर हाइड्रोजेल का पतला-सा कवच होता है और सबसे महत्वपूर्ण है कि ये कवच वाली कोशिकाएं पॉलीमर धागे से जुड़ी होती है तथा जब वे इस्तेमाल करने योग्य ना रहें तो उन्हें आसानी से हटाया भी जा सकता है।
शोधकत्र्ताओं ने कहा कि प्रतिरोपित कोशिकाओं को हटाने की क्षमता बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ये ट््यूमर बना सकती हैं। कॉर्नेल विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर मिन्गलिन मा ने कहा, ‘‘जब वे मर जाती हैं तो उन्हें बाहर निकालने की जरुरत होती है। आप अपने शरीर में ऐसा कुछ नहीं रखना चाहते जिसका आप इस्तेमाल नहीं कर सकते। हमारी पद्धति से यह कोई समस्या नहीं है।’’ मकड़ी के जाल पर जिस तरह से पानी की बूंद होती है, उससे प्रेरणा लेकर मां और उसके दल ने सबसे पहले कैप्सूल से लैस कोशिकाओं के गुच्छे को एक धागे के जरिए जोडऩे की कोशिश की।