5 विलुप्त प्रजातियों को लेकर ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ता का हैरानीजनक खुलासा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 01:17 PM

five cool animals we wrongly believed extinct

विश्व में ऐसी न जाने कितनी प्रजातियां हैं जो विलुप्त होने की कगार पर खड़ी हैं मगर ऑस्ट्रेलिया के एक शोधकर्ता बिल लॉरेंस और उनकी टीम ने विलुप्त प्रजातियों को लेकर हैरानीजनक खुलासा किया है।

सिडनीःविश्व में ऐसी न जाने कितनी प्रजातियां हैं जो विलुप्त होने की कगार पर खड़ी हैं मगर ऑस्ट्रेलिया के एक शोधकर्ता बिल लॉरेंस और उनकी टीम ने विलुप्त प्रजातियों को लेकर हैरानीजनक खुलासा किया है। बिल लॉरेंस और उनकी टीम ऑस्ट्रेलिया के केप योर्क पेनिसुएला में छिपकर तासमानियन टाइगर को खोजने की कोशिश कर रहे हैं जो विलुप्ती की राह पर खड़ी है। इस शोधकर्ता टीम के मुताबिक जिन प्रजातियों को हम खत्म मान चुके हैं, असल में वह जिंदा हैं और उन्हें दोबारा खोजने की जरूरत है।  जानते हैं इन जानवरों के बारे में।

ऑस्ट्रेलियाई नाइट पैरेट 
ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में पाए जाने वाले नाइट पैरेट आसमान से ज्यादा जमीन पर रहना पसंद करते हैं और उन्हें सतही जगह ज्यादा पसंद आती है। वर्ष 1990 में क्वींसलैंड की सड़क किनारे यह ढेरों की संख्या में मृत पाए जाते थे। इसके बाद इन तोतों को खोजने की कोशिश लगभग 13 वर्ष तक होती रही। वर्ष 1912 नाइट पैरेट हजारों की संख्या में पाए जाते थे। इनकी पूंछ छोटी होती और यह लंबी उड़ान नहीं भरते हैं।
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हूला स्टबफुट मेंढक
 मूल रूप से कोलंबिया में पाए जाने वाले हूला स्टबफुट मेंढक को आखिरी बार बड़ी संख्या में वर्ष 1995 में देखा गया था। हूला स्टबफुट मेंढक की प्रजाति के विलुप्त होने का कारण एक खास तरह का फंगस बताया गया। दोबारा खोजने पर इस मेंढक की प्रजाति को वर्ष 2006 में देखा गया था। ऐसे में उम्मीद जताई गई कि इस प्रजाति के और भी मेंढक धरती पर मौजूद होंगे जिनके वजूद को दोबारा खोजा जा सकता है।
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क्यूबन सोलनोडोन 
प्राकृतिक आवास के खात्मे और बाहरी आक्रमण की वजह से  क्यूबन सोलनोडोन नाम की प्रजाति खत्म हो गई और आखिरी बार इन्हें सैकड़ों की संख्या में 1998 में देखा गया था। इसके बाद लोगों को लगने लगा था कि अब यह प्रजाति कभी नहीं दिखाई देगी। 10 साल के कठिन परिश्रम के बाद वर्ष 2012 में यह दोबारा दिखाई दी थी। 
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बोर्नियो पिग्मी हाथी
यह हाथी हमेशा से ही शोधकर्ताओं के लिए रहस्य रहे हैं। यह व्यवहार और दिखने में एशियाई हाथियों से एकदम अलग हैं और कोई नहीं जानता है कि यह बेहद ही छोटी सी जगह में क्यों रहते हैं। वहीं इन्हें ज्यादा घूमना फिरना भी पसंद नहीं है। इनके जीन की जांच करने पर पता चलता है कि यह जावान हाथी के वंश से तालुक रखते हैं जो विलुप्त हो चुके हैं। ऐसे में इस प्रजाति को खत्म नहीं मान सकते हैं।  
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टेरर स्किंक छिपकली
यह छिपकली दोबारा खोजने पर आखिरी बार वर्ष 2003 में न्यू कैलेडोनिया में देखी गई थी। इसके बाद से शोधकर्ताओं को लगता है कि इसकी प्रजाति के कुछ और जानवर भी धरती पर मौजूद हैं। यह छिपकली वर्ष 1874 में हजारों की संख्या में पाई जाती थी। यह छिपकली लंबी होती है और इनके दांत घुमावदार होते हैं।
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