Edited By ,Updated: 14 Apr, 2017 06:33 PM
संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने सदस्य देशों से सामाजिक न्याय और बराबरी के लिए लड़ाई में समाज सुधारक बाबा साहेब अंबेडकर के उदाहरण का अनुसरण...
संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने सदस्य देशों से सामाजिक न्याय और बराबरी के लिए लड़ाई में समाज सुधारक बाबा साहेब अंबेडकर के उदाहरण का अनुसरण करने की अपील की और साथ ही उनसे सामाजिक और आर्थिक समावेश के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों की शक्ति इस्तेमाल करने का आह्वान किया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा अंबेडकर की 126वीं जयंती पर यहां आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने कहा,‘‘यह उपयुक्त होगा कि हम ना केवल महिलाओं के लिए बल्कि सभी लोगों के लिए सशक्तीकरण और समावेशन का प्रचार करने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल के बारे में बात करके सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई में उनकी (बाबा साहेब अंबेडकर)विरासत का सम्मान करें।’’उन्होंने भारत में बायोमीट्रिक पहचान पत्र, आधार के उदाहरण का जिक्र करते हुए कहा कि डिजिटल पहचान पत्र एक महत्वपूर्ण खोज साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि भारत में एक अरब से अधिक लोगों का बायोमीट्रिक पहचान पत्र का इस्तेमाल करना ‘‘अच्छा उदाहरण’’ है। उन्होंने कहा कि डिजिटल पहचान से गरीब तबके समेत सभी लोगों की सार्वजनिक सेवाओं और धन तक बेहतर पहुंच उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
अमीना मोहम्मद ने कहा कि मौजूदा समय में विश्व की आधी से ज्यादा आबादी करीब 3.9 अरब लोगों की इंटरनेट तक पहुंच नहीं है और सबसे कम विकसित देशों में तो यह संख्या 85 फीसदी तक है। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरद्दीन ने कहा कि यह भावना तेजी से बढ़ रही है कि नई प्रौद्योगिकियां मानव प्रगति के लिए अहम हैं।