Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Sep, 2017 12:06 AM
लाहौर हाईकोर्ट में एक ट्रांसजेंडर मियां आसिया ने एक पिटीशन दायर की थी। इसमें कहा गया था कि ट्रांसजेंडर्स को थर्ड जेंडर के तौर पर मंजूरी दी जा चुकी है
लाहौरः पाकिस्तान में ट्रांसजेंडर्स अब पैरेंट्स की जगह अपने गुरू का नाम लिख सकेंगे। बता दें, पाकिस्तान कम्प्युटराइज्ड नेशनल आईडेंटिटी कार्ड्स तैयार कर रहा है। इसके लिए थर्ड जेंडर का इश्यू सामने आ रहा था। अब नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (NADRA) ने ट्रांसजेंडरों पर यह फैसला लिया है कि वो अपने गुरू का नाम पैरेंट्स की जगह लिख सकेंगे।
दरअसल, लाहौर हाईकोर्ट में एक ट्रांसजेंडर मियां आसिया ने एक पिटीशन दायर की थी। इसमें कहा गया था कि ट्रांसजेंडर्स को थर्ड जेंडर के तौर पर मंजूरी दी जा चुकी है लेकिन नेशनल आईडेंटिटी कार्ड्स में उनका नाम कुछ वजहों से नहीं दिया गया है।
आसिया ने अपने गुरू की मौत के बाद उनका नाम हटाने और अपना कार्ड रिन्यू ना होने की वजह से हाईकोर्ट का रुख किया था। सुनवाई के दौरान, NADRA ने लाहौर हाईकोर्ट को बताया कि ट्रांसजेंडरों को उसी तरह की कैटेगरी में रखा जाएगा जिस तरह अनाथ बच्चों को रखा जाता है।
इस पर लाहौर हाईकोर्ट ने NADRA से पूछा कि आप ट्रांसजेंडरों की आईडेंटिटी के लिए कौन सा तरीका अपनाएंगे। इस पर NADRA ने हाईकोर्ट को बताया कि अब कोई भी ट्रांसजेंडर पैरेंट्स के कॉलम में अपने गुरू का नाम लिख सकेगा। और इस तरह उसकी पहचान पूरी हो जाएगी। यह वही तरीका है जो अनाथ बच्चों के मामले मे इस्तेमाल किया जाता है।
हार्ईकोर्ट को सरकारी अथॉरिटी ने ये भी बताया कि इसके लिए जरूरी होगा कि पहले गुरू की पहचान की जाए। इसके बाद ट्रांसजेंडर और उसके गुरू की बायोमैट्रिक पहचान दर्ज की जाएगी। इनके वेरिफिकेशन के बाद आईडेंटिटी कार्ड्स जारी किए जाएंगे।