Edited By ,Updated: 01 Feb, 2017 01:34 PM
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की नजरबंदी के बाद उसके समर्थकों ने सरकार के इस फैसले को अमरीका और भारत के दबाव में उठाया गया कदम बताया ह...
इस्लामाबाद/लाहौरः मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की नजरबंदी के बाद उसके समर्थकों ने सरकार के इस फैसले को अमेरिका और भारत के दबाव में उठाया गया कदम बताया है। हाफिज के समर्थन में पूरे पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हो गया है। पंजाब प्रांत के गृहविभाग से हिरासत के आदेश के बाद सईद और उसके चार सहयोगियों को सोमवार को नजरबंद कर दिया गया।
हाफिज को उसके आवास पर स्थानांतरित कर दिया गया और पंजाब प्रांत में अधिकारियों ने इसे उप-जेल घोषित कर दिया। प्रांतीय अधिकारियों ने लाहौर की सड़कों से जमात-उद-दावा के बैनर हटाने भी शुरू कर दिए हैं। प्रांतीय गृह विभाग के आदेश पर लाहौर में जमात-उद-दावा के दफ्तरों पर पार्टी के झंडों के बजाय राष्ट्रीय झंडे फहराए गए हैं। सईद की नजरबंदी के खिलाफ उसके समर्थकों ने लाहौर, मुलतान, फैसलाबाद, गुजरांवाला, सियालकोट, पेशावर और क्वेटा समेत विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार नजरबंदी के खिलाफ सईद के समर्थकों ने इस्लामाबाद में भी प्रदर्शन किए। गृह मंत्रालय सईद की गिरफ्तारी के बाद के हालात पर निगरानी रख रहा है। हाफिज के समर्थकों का आरोप है कि नवाज शरीफ की सरकार ने उस अमरीका की इच्छा के आगे घुटने टेक दिए हैं, जिसने सईद की गिरफ्तारी से जुड़ी जानकारी देने के लिए एक करोड़ डॉलर के इनाम की घोषणा कर रखी है।
जमात-उद-दावा के प्रवक्ता नदीम अवान ने भारत पर भी पाकिस्तान सरकार पर दबाव डालने का आरोप लगाया और कहा, 'यह (नवाज) सरकार दबाव में झुक गई है।' एक अन्य प्रवक्ता फारुक आजम ने कराची में 'विभिन्न धार्मिक और कश्मीरी नेताओं' के विरोध प्रदर्शनों की घोषणा की। लाहौर में एक सभा को संबोधित करते हुए जमात के नेता हाफिज अब्दुल माजिद भट्टी ने आरोप लगाया, 'यहां हर शख्स जानता है कि नवाज सरकार ट्रंप प्रशासन के दबावों के सामने झुक गया और उसने सईद के खिलाफ कार्रवाई की।'
जमात-उद-दावा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन 'लश्कर-ए-तैयबा' का मुखौटा है जो 26 नवंबर 2008 के मुंबई हमले समेत भारत पर अनेक आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार है। अमरीका जून 2014 में ही उसे एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है। सईद ने मुंबई हमले में किसी भी भूमिका से इंकार किया और जमात-उद-दावा के संचालन के दौरान खुद को लश्कर-ए-तैयबा से दूर रखा है।