Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 01:14 PM
अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के बाद फिलीस्तीन का चरमपंथी समूह हमास भड़क गया है । हमास ने यरुशलम में अमरीकी दूतावास खोले जाने के कदम को ''नरक के रास्ते खोलने'' जैसा बताया है...
गाजाः अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यरुशलम को इस्राइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के बाद फिलीस्तीन का चरमपंथी समूह हमास भड़क गया है । हमास ने यरुशलम में अमरीकी दूतावास खोले जाने के कदम को 'नरक के रास्ते खोलने' जैसा बताया है। हमास के एक प्रवक्ता ने कहा, 'यरुशलम पर ट्रंप का फैसला यह तथ्य नहीं बदल सकता कि यह जगह अरब मुस्लिमों की है।' इतना ही नहीं हमास ने 8 दिसंबर को 'क्रोध दिवस' के तौर पर मनाने का आह्वान किया है। बयान में कहा गया है, 'युवा और फिलिस्तिनियों को हमारे यरुशलम को नुकसान पहुंचाने वाले फैसले के खिलाफ हर उपलब्ध तरीकों से जवाब देने की जरूरत है।'
हमास ने यहूदियों, मुस्लिमों और ईसाइयों के पवित्र स्थल माने जाने वाले यरुशलम पर अमरीकी फैसले को 'रेड लाइन' बताया है। प्रवक्ता ने आगे कहा, 'यह फैसला बेवकूफाना है और समय यह साबित कर देगा कि इन सबमे सबसे बड़ी हार ट्रंप और इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की हुई है।'
तुर्की के विदेश मंत्री ने फैसले के तुरंत बाद ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे एकदम गैरजिम्मेदाराना और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ बताया। दूसरी तरफ, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को इस मसले पर एक बैठक बुलाई है। सुरक्षा परिषद के 15 में से कम से कम 8 सदस्यों ने वैश्विक निकाय से विशेष बैठक बुलाने की मांग की है।