Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Oct, 2017 05:23 PM
आतंकवाद की पनाहगाह होने के आरोपों के चलते पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया है...
इस्लामाबादः आतंकवाद की पनाहगाह होने के आरोपों के चलते पाकिस्तान अलग-थलग पड़ गया है। अब आतंकवाद के मसले पर वैश्विक दबाव से बौखलाए पाक के सुर बदलने लगे हैं और वह घुटने टेकते नजर आ रहा है। ताजा बयान में पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आतंकवाद के सुरक्षित पनाहगाह को लेकर सफाई देते कहा है कि अगर अमरीका सबूत दे कि पाकिस्तानमें आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के सुरक्षित पनाहगाह हैं, तो वह उन्हें तबाह करने के लिए अमरीका के साथ संयुक्त सैन्य अभियान चलाने के लिए तैयार है।
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की कड़ी निंदा किए जाने के बाद ख्वाजा आसिफ का यह बयान सामने आया है। दरअसल, अगस्त में ट्रंप ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान पिछले 17 साल से आतंक व अराजकता के एजैंटों और अफगानिस्तान में अमरीकी सेना के दुश्मनों को शरण दे रहा है। हाल ही में अमरीका में ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करके लौटे आसिफ ने एक्सप्रेस न्यूज से कहा, ‘हमने अमरीकी अधिकारियों को पाकिस्तान में हक्कानी नैटवर्क के सुरक्षित पनाहगाह होने के सबूतों के साथ आने का न्योता दिया है।’
उन्होंने कहा, ‘अगर वे इलाके में हक्कानी नैटवर्क की कोई गतिविधि पाते हैं, तो हमारी सेना अमरीका के साथ मिलकर उन्हें हमेशा के लिए नष्ट कर देगी।’ विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इस महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात करके उनके समक्ष भी ऐसी ही पेशकश की थी।
अमरीकी आलोचना के संबंध में पूछे जाने पर आसिफ ने कहा, ‘अगर ट्रंप प्रशासन ने हम पर और दबाव डाला, तो मित्र देश खासतौर पर चीन, रूस, ईरान और तुर्की हमारे पक्ष में खड़े होंगे। उन्होंने कहा कि अमरीकी रक्षा और विदेश मंत्री हम पर तानाशाही करते हैं, तो हम उनकी तानाशाही मानने से इंकार कर देंगे और वो करेंगे जो हमारे देश के हित में होगा।