Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jun, 2017 10:17 AM
भारत की एनएसजी में एंट्री का विरोध करने वाले चीन ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह अपने फैसले पर अडिग है।
बीजिंगः भारत की एनएसजी में एंट्री का विरोध करने वाले चीन ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह अपने फैसले पर अडिग है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि रूस ने भारत की सदस्यता को लेकर चीन से बातचीत की थी, पर चीन का फैसला नहीं बदलेगा। चीन का ये बयान भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्हाेंने कहा था कि हम रूस के साथ एनएसजी मसले को लेकर बातचीत कर रहे हैं। एनएसजी में हमें रूस की वजह से एंट्री मिल जाएगी, क्योंकि वो चीन को संभाल लेगा। लेकिन इस बयान के बाद साफ हो गया है कि चीन भारत की एनएसजी सदस्यता को लेकर रूस की भी नहीं सुनेगा।
'अड़ीयल रुख अपनाए बैठा चीन'
चीन ने कहा कि एनएसजी में नए हालातों के चलते किसी भी नए सदस्य का आना ठीक नहीं होगा। 48 देशों की सदस्यता वाला एनएसजी, परमाणु व्यापार को नियंत्रित करता है और भारत भी इसकी सदस्यता पाना चाहता है। लेकिन चीन लगातार अड़ीयल रुख अपनाए बैठा हुआ है, जबकि कई सदस्य भारत के समर्थन में हैं। चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि एनएसजी में पुराने जैसा कुछ नहीं है और नए हालातों को देखते हुए जो देश जुड़ना चाहते हैं, वे उस लायक नहीं हैं।