Edited By ,Updated: 04 Dec, 2016 01:46 PM
अमरीकी संसद की उच्चाधिकार प्राप्त विदेशी मामलों से संबंधित समिति अगले सप्ताह एक अमरीकी गैर सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.) पर भारत में लगे प्रतिबंध के मामले की सुनवाई करेगी...
वाशिंगटनः अमरीकी संसद की उच्चाधिकार प्राप्त विदेशी मामलों से संबंधित समिति अगले सप्ताह एक अमरीकी गैर सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.) पर भारत में लगे प्रतिबंध के मामले की सुनवाई करेगी। ईसाई मिशनरी के एन.जी.ओ. कंपैशन इंटरनैशनल ने अमरीका में भारत सरकार के प्रतिबंध के फैसले के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। उसका आरोप है कि प्रतिबंध के चलते वह वह भारत में चल रहे बाल कल्याण कार्यक्रमों में आर्थिक मदद नहीं पहुंचा पा रहा है।
संसदीय समिति के अध्यक्ष एड रॉयस के मुताबिक 3 सप्ताह से कंपैसन इंटरनेशनल से जुड़े भारतीय बच्चों के पास पोषण, चिकित्सा और अन्य जरूरतों से संबंधित वस्तुएं नहीं पहुंच पा रही हैं। एन.जी.ओ. के कार्यक्रमों से जुड़े 14,500 बच्चों को इन वस्तुओं की अत्यधिक जरूरत है। ऐसा तब हो रहा है जबकि अमरीका और भारत के बीच संबंध काफी मजबूत हैं। अमरीकी संसद में रॉयस को भारत का मित्र माना जाता है। वह भारत समर्थक समूह के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं।
अगले सप्ताह शुरू होने वाली संसदीय समिति की सुनवाई में 3 विशेषज्ञों को बुलाकर उनके प्रतिबंध के बारे में विचार जाने जाएंगे। इनमें एक एन.जी.ओ. के अधिकारी होंगे जबकि बाकी 2 में ह्यूमन राइट वाच के जॉन सिफ्टन और जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के इरफान नूरुद्दीन शामिल हैं। एनजीओ के अध्यक्ष सैंटियागो जिमी मेलाडो के अनुसार उनका संगठन सन 1968 से भारत में काम कर रहा है और उसने करीब अढ़ाई लाख बच्चों और उनके परिवारों को फायदा पहुंचाया है। संगठन की इच्छा सेवा कार्य जारी रखने की है।