Edited By ,Updated: 24 Jun, 2016 08:45 PM
सीमा विवाद से भारत-चीन के व्यापारिक रिश्तों पर कुछ मामूली असर होगा, लेकिन दोनों पक्षों के बीच व्यापार बढ़ रहा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज यह बात कही।
बीजिंग: सीमा विवाद से भारत-चीन के व्यापारिक रिश्तों पर कुछ मामूली असर होगा, लेकिन दोनों पक्षों के बीच व्यापार बढ़ रहा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज यह बात कही। जेटली पांच दिन की चीन यात्रा पर आए हुए हैं। उनकी इस यात्रा का मकसद भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में चीनी निवेश आकर्षित करना है।
उन्होंने कहा,‘‘आर्थिक संबंध सामान्य तौर पर स्वतंत्र तरीके से आगे बढ़ते हैं। चूंकि व्यापार सिर्फ व्यापार की शर्तों पर निर्भर करता है, ऐसे में इन कारकों का प्रभाव मामूली होगा।’’ भारत-चीन मतभेेदों विशेषरूप से सीमा विवाद के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा,‘‘यदि ये हैं भी तो मामूली हैं। आप इस चरण में नहीं पहुंचे हैं जहां देश व्यापार बंद कर देते हों। मुद्दे रहते हैं। मुद्दों को सुलझाया जाता है। सीमा विवाद दशकों से है। इसके बावजूद हमारा व्यापार आगे बढ़ रहा है।’’ बढ़ते व्यापार घाटे पर जेटली ने कहा कि इसे अपना व्यापार सुधारकर ठीक किया जा सकता है। पिछले साल 70 अरब डालर के द्विपक्षीय व्यापार पर यह 48 अरब डालर रहा।’’ भारत द्वारा चीन पर आईटी तथा फार्मा क्षेत्र को बाजार पहुंच उपलब्ध कराने के मसले पर जेटली ने कहा,‘‘दोनों देशों के बीच बाजार मुद्दे वास्तविक हैं। इन मुद्दों पर समय-समय पर चर्चा होती है।’’
भारत में चीन के निवेश प्रवाह के बारे में जेटली ने कहा कि ग्रामीण और सार्वजनिक क्षेत्रों में सरकारी निवेश होता है। लेकिन दो क्षेत्रों बुनियादी ढांचा तथा विनिर्माण में निजी निवेश का हमेशा स्वागत है। उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों के पास निवेश के लिए अतिरिक्त धन है। ऐसे में विनिर्माण और बुनियादी ढांचे में निवेश आना चाहिए। दिल्ली-चेन्नई बुलेट टे्रन गलियारे पर व्यवहार्यता अध्ययन के बारे में जेटली ने कहा कि अध्ययन हुआ है, लेकिन अभी यह मेरे पास नहीं आया है।