Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Aug, 2017 05:52 PM
अमरीका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अफगानिस्तान में भारत की आर्थिक गतिविधियों...
वाशिंगटन: अमरीका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अफगानिस्तान में भारत की आर्थिक गतिविधियों से पाकिस्तान को ‘‘कोई सीधा खतरा नहीं’’ है। अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान को अपने कुछ ‘‘गैरमददगार बर्ताव’’ बदलने चाहिए और क्षेत्र में आतंकवाद-रोधी लक्ष्यों की पूर्ति के लिए अमरीका का सहयोग करना चाहिए।
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया पर अपनी नीति की घोषणा करते हुए युद्ध प्रभावित देश से सैनिकों को जल्दबाजी में हटाने से इंकार तो किया ही, साथ ही साथ अफगानिस्तान में शांति लाने के लिए भारत की भूमिका को बढ़ाने की मांग की।
ट्रंप ने कहा था कि अमरीका की भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी को और अधिक विकसित करना उनकी दक्षिण एशिया नीति का अहम हिस्सा है। उन्होंने आतंकियों को शरणस्थली उपलब्ध करवाने के लिए पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी भी दी। व्हाइट हाऊस के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा,‘‘हम अफगानिस्तान में भारत की भूमिका का स्वागत करते हैं। वहां वे बेहद सदभावना के साथ विकास कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने मदद के तौर पर तीन अरब डॉलर दिए हैं। अमरीका इसकी सराहना करता है और चाहता है कि यह जारी रहे। लेकिन हम इसे पाकिस्तान के लिए एक सीधे खतरे के तौर पर नहीं देखते।’’
ट्रंप की दक्षिण एशिया की रणनीति से जुड़ी घोषणा के बाद पाकिस्तान से आने वाले आलोचनात्मक बयानों के बारे में पूछे जाने पर व्हाइट हाऊस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मैं उन कदमों और उपायों पर चर्चा नहीं करने वाला, जिन्हें पाकिस्तान के साथ करने पर अमरीका विचार कर रहा है।’’ अधिकारी ने कहा,‘‘पाकिस्तान में कुछ निराशा है। हम बस इसी बात पर जोर देना चाहते हैं कि पाकिस्तान के पास वाकई विकल्प है। वह अमरीका के साथ सहयोग करने का विकल्प चुन सकता है और कुछ गैर मददगार व्यवहारों को बदल सकता है। यह उसके हित में है।