Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Dec, 2017 06:59 PM
डोकलाम गतिरोध के समाधान को इस साल अंतरराष्ट्रीय सहयोग में अपनी बड़ी उपलब्धि बताते हुए चीन की सेना ने गुरुवार को कहा कि भारत को सीमा पर शांति एवं स्थायित्व बनाए रखने के लिए अपनी सैनिकों को ‘कड़ाई से नियंत्रण’ में रखना चाहिए तथा सीमा समझौतों को लागू...
बीजिंग: डोकलाम गतिरोध के समाधान को इस साल अंतरराष्ट्रीय सहयोग में अपनी बड़ी उपलब्धि बताते हुए चीन की सेना ने गुरुवार को कहा कि भारत को सीमा पर शांति एवं स्थायित्व बनाए रखने के लिए अपनी सैनिकों को ‘कड़ाई से नियंत्रण’ में रखना चाहिए तथा सीमा समझौतों को लागू करना चाहिए।
चीन के रक्षा प्रवक्ता कर्नल रेन गुआछियांग ने कहा कि वर्ष 2017 में उनके देश के अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग के प्रमुख ङ्क्षबदुओं में ‘डोकलाम’ जैसा ‘गंभीर मुद्दों’ से निबटना शामिल रहा। उन्होंने कहा कि इस साल एकीकृत तैनाती के तहत सेना ने चीन की संप्रभुता एवं सुरक्षा हितों की ‘दृढ़ता से’ रक्षा की।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि चीनी सेना ने डोंगलांग (डोकलाम) में चीन भारत टकराव जैसे गंभीर मुद्दों से निबटने में अपनी उचित भूमिका निभाई और उसने दक्षिण चीन सागर में चीन के अधिकारों एवं हितों की रक्षा की। डोकलाम गतिरोध 16 जून को शुरू हुआ क्योंकि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने भूटान के दावे वाले क्षेत्र में सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया था।
भारतीय सैनिकों ने इस सड़क निर्माण को रोकने के लिए दखल दी क्योंकि यह चिकेन नेक के लिए सुरक्षा जोखिम पैदा कर रहा था। भारत को पूर्वोत्तर के उसके राज्यों के साथ जोडऩे वाले गलियारे को चिकेन नेक कहा जाता है।
यह गतिरोध 28 अगस्त को खत्म हुआ जब एक सहमति बनी और उसके तहत चीन ने सड़क निर्माण रोक दिया एवं भारत ने अपने सैनिक वापस बुला लिए। भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा जम्मू कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैली है।