Edited By ,Updated: 09 Sep, 2016 06:18 PM
भारतीय मूल की अमरीकी लड़की ने व्हाइट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने प्रवासी होने और अपनी मातृभाषा तमिल के स्थान ...
वॉशिंगटन: भारतीय मूल की अमरीकी लड़की ने व्हाइट हाउस में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने प्रवासी होने और अपनी मातृभाषा तमिल के स्थान पर अंग्रेजी को अपनाने के दर्द भरे अनुभव के बारे में एक कविता सुनाई, जिसमें व्हाइट हाउस में बड़ी संख्या में उपस्थित श्रोताओं को आकर्षित कर लिया ।
अपनी कविता से छाई माया
व्हाहट हाउस के श्रोताओं में अमरीका की प्रथम महिला मिशेल आेबामा भी शामिल थीं । व्हाइट हाउस में बच्चों के कविता कौशल को मान्यता प्रदान करने वाला प्रतिष्ठित कार्यक्रम ‘नेशनल स्टूडेंट्स पोएट्स’ आयोजित किया गया था । इसमें भारतीय मूल की अमरीकी लड़की माया ईश्वरन और गोपाल रमन के साथ 4 अन्य बच्चों को सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में शामिल सत्रह साल की माया को अपनी कविता ‘मा, आई हैव नॉट स्पोकेन तमिल इन थ्री ईयर्स’ पर वहां उपस्थित श्रोताओं की खूब तारीफ मिली । माया ने अपनी कविता में कहा ‘‘मैंने 16 साल की उम्र से अधिक खोया है । मैंने जातीयता को बालों की तरह निकाल फेंका है, मां, मुझे डर है कि अब मैं गंजी हो जाउंगी ।’’ पंक्ति के साथ अपनी कविता समाप्त की ।
मिशेल ने की तारीफ
मिशेल आेबामा ने अपने संभाषण में भी इस बच्ची का जिक्र किया । मिशेल ने कहा, ‘‘माया-माया कहां है? आप बेहतरीन हैं । यह आपकी कविता है..मैं इस मंच से कहना चाहती हूं कि आपको नकारने की कोई वजह नहीं है ।’’अमरीका में रहने वाले एक तमिल में जन्मी माया ने अपना सिर हिलाया । व्हाइट हाउस के कार्यक्रम के बाद माया ने कहा, ‘‘मेरा परिवार तमिल है, जबकि मेरा जन्म यहां अमरीका में हुआ है । मैंने अपनी संस्कृति और विरासत पर आधारित अनेक कविताएं लिखी हैं।’’