Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 02:03 PM
ईरान के रहने वाले रजा जब इस साल हज के लिए पहुंचे तो उनके मन में मुस्लिम समुदाय की सबसे पाक जगह जाने की खुशी थी तो 2015 में वहां मची भगदड़ में अपने सैकड़ों साथियों के मरने की कड़वी यादें भी...
मक्का: ईरान के रहने वाले रजा जब इस साल हज के लिए पहुंचे तो उनके मन में मुस्लिम समुदाय की सबसे पाक जगह जाने की खुशी थी तो 2015 में वहां मची भगदड़ में अपने सैकड़ों साथियों के मरने की कड़वी यादें भी थीं।
पिछले साल ईरान के नागरिक हज नहीं कर पाए थे क्योंकि मक्का जाने के लिए उनकी और प्रतिद्वंद्वी सऊदी अरब की सरकार के बीच बंदोबस्त और साजो-सामान को लेकर करार नहीं हो पाया था। सऊदी अरब में हज करने के लिए आए करीब 20 लाख लोगों की सुरक्षा संभालना और हज के सारे बंदोबस्त एक बड़ा काम होता है। गौरतलब है कि साल 2015 में लाखों हजयात्री मक्का के पास ‘शैतान को कंकड़ मारने’ की अंतिम रस्म अदा कर रहे थे तभी भगदड़ मच गई और दुनियाभर से आये सैकड़ों मुसलमान मारे गए।
रियाद ने तब मृतकों की संख्या 769 बताई थी वहीं 30 से ज्यादा देशों के विदेशी अधिकारियों ने कुल आंकड़ा करीब 2300 के आसपास बताया। सबसे ज्यादा मृतक ईरान के थे। यह संख्या 464 बताई गईं। मक्का के एक होटल में ठहरे एक तेल कंपनी के पूर्व अधिकारी रजा ने कहा,‘‘उन लोगों की हत्या की गईं थी। उन्होंने (सऊदी अधिकारियों ने)उनकी मदद नहीं की।’’लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि नए सुरक्षा इंतजामों से अब वह सुरक्षित महसूस करते हैं। इस साल सब कुछ ठीक है। 63 साल के रजा ने कहा,‘‘उन्होंने अच्छे सुरक्षा इंतजाम किए हैं, वरना हम नहीं आते। ईरान के हज नेताओं ने हमें निर्देश दिए हैं और रस्मों के वक्त को लेकर भी हिदायतें दी गईं हैं ताकि 2015 की आपदा को दोहराने से बचा जा सके।’’