Edited By ,Updated: 13 May, 2017 01:09 PM
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को ‘‘जासूसी’’ के आरोप में मौत की सजा सुनाने के अपनी सैन्य अदालत के फैसले को लेकर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के समक्ष अपनी स्थिति का ‘‘मजबूती से’’ बचाव करने के लिए रणनीति तैयार कर रहा है।
इस्लामाबाद: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को ‘‘जासूसी’’ के आरोप में मौत की सजा सुनाने के अपनी सैन्य अदालत के फैसले को लेकर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के समक्ष अपनी स्थिति का ‘‘मजबूती से’’ बचाव करने के लिए रणनीति तैयार कर रहा है। आईसीजे ने जाधव की मौत की सजा पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अश्तर औसाफ के हवाले से आज कहा, ‘‘हमने अपनी सिफारिशें प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश कार्यालय को भेज दी हैं ।’’
सिफारिशों में इस बारे में रणनीति को रेखांकित किया गया है कि हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में पाकिस्तान किस तरह अपने मामले को रख सकता है। औसाफ ने कहा कि सभी कदमों और विकल्पों को गोपनीय रखना आवश्यक है जिससे कि दूसरे पक्ष को हमारी रणनीति का पता न लग सके। विदेश विभाग और कानूनी विभाग के अधिकारियों के साथ दो दिन से मैराथन बैठकें कर रहे औसाफ द्वारा आईसीजे में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किए जाने की उम्मीद है, लेकिन उन्होंने इस मामले में विदेश से किसी की सेवा लिए जाने की संभावना से भी इनकार नहीं किया । उन्होंने माना कि समय कम है क्योंकि सुनवाई 15 मई से शुरू होगी।
औसाफ ने कहा कि पाकिस्तान की आेर से मजबूत तरीके से जवाब दिया जाएगा । अंतरराष्ट्रीय कानून के एक विशेषज्ञ ने कहा कि पाकिस्तान 1999 में भारत द्वारा अपने एक विमान को मार गिराए जाने का हवाला देकर आईसीजे के समक्ष अधिकारक्षेत्र का मुद्दा उठा सकता है । विमान को मार गिराने के मामले में भारत ने इस आधार पर अंतरराष्ट्रीय अदालत के अधिकारक्षेत्र को मानने से इनकार कर दिया था कि वह राष्ट्रमंडल देशों के बीच विवाद के मामलों में सुनवाई नहीं कर सकती।
पिछले साल तीन मार्च को गिरफ्तार किए गए जाधव को ‘‘जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों’’ के आरोपों में मौत की सजा सुनाई गई थी। भारत ने जाधव पर लगे आरोपों को नकारा है और कहा है कि उनका ईरान से अपहरण किया गया। नई दिल्ली ने जाधव की दोषसिद्धि को पलटने के लिए प्रक्रिया शुरू करने की उनकी मां की अपील भी पाकिस्तान को सौंपी है।