Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Feb, 2018 11:46 AM
मालदीव में गहराए राजनीतिक संकट के चलते सेना ने रविवार को देश की संसद को चारों तरफ से घेर लिया। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने समय पूर्व चुनाव कराने का संकेत दिया है। उन्होंने विपक्षी नेताओं को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अब तक...
माले: मालदीव में गहराए राजनीतिक संकट के चलते सेना ने रविवार को देश की संसद को चारों तरफ से घेर लिया। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने समय पूर्व चुनाव कराने का संकेत दिया है। उन्होंने विपक्षी नेताओं को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अब तक पालन नहीं किया है। वहीं मालदीव के अटॉर्नी जनरल को आशंका है कि आदेश का पालन नहीं करने से नाराज सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति यामीन पर महाभियोग चलाने का प्रयास कर सकता है।
विपक्षी सांसदों के संसद में प्रवेश को रोकने के लिए वहां सेना को तैनात कर दिया गया। हालांकि मीडिया के मुताबिक, सेना की भारी मौजूदगी के बावजूद कुछ सांसदों को अंदर जाने की इजाजत दी गई। इससे पहले संसद के महासचिव अहमद मोहम्मद ने बिना कारण बताए इस्तीफा दे दिया। संसद का सत्र सोमवार से शुरू होना था, लेकिन उसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। उपद्रव की आशंका को देखते हुए राजधानी माले में सभी सरकारी कार्यालयों और रिपब्लिक स्क्वायर के नजदीक पुलिस को तैनात कर दिया गया है।
मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन द्वारा राजनीतिक कैदियों की रिहाई का सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इंकार करने के बाद लोग उनके खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। आर्मी को अलर्ट पर रखा गया है। उधर, अब्दुल्ला ने आर्मी को आदेश दिया है कि वह उन्हें गिरफ्तार करने या उन पर महाभियोग चलाने का आदेश मानने से इंकार कर दे।इससे पहले सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई रिव्यू पिटीशन चीफ जस्टिस ने खारिज कर दी। उन्होंने अपने ऑर्डर में कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर मानना ही होगा। इससे सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच टकराव के हालात पैदा हो गए हैं।