Edited By ,Updated: 23 Apr, 2017 11:12 AM
कभी गरीबी के कारण पत्तों और लकड़ियों को रोटी की तरह खाने वाले शख्स को अब ऐसी आदत हो गई है कि पैसे होने के बाद भी वह पत्तों और लकडिय़ां ही खाना पसंद करता है।
इस्लामाबाद: कभी गरीबी के कारण पत्तों और लकड़ियों को रोटी की तरह खाने वाले शख्स को अब ऐसी आदत हो गई है कि पैसे होने के बाद भी वह पत्तों और लकडिय़ां ही खाना पसंद करता है। पिछले 25 वर्षों से पत्ते और लकडिय़ां खा रहे पाकिस्तान के गुजरांवाला जिला निवासी महमूद बट के हालात अब बेहतर हो गए हैं पर उसकी पत्ते खाने की आदत अब भी वैसी ही है। कोई काम न होने के कारण महमूद ऐसा लाचार हो गया था कि उसके पास खाने तक के पैसे नहीं थे और तब उसने सड़कों पर भीख मांगने की बजाय पत्ते और लकडिय़ों को अपने भोजन के तौर पर चुना था।
आश्चर्य की बात है कि इतने सालों तक केवल पत्ते-लकड़ियां खाने के बावजूद वह कभी बीमार नहीं हुआ। 50 वर्षीय बट ने बताया, ‘मेरा परिवार बहुत गरीब था। हर चीज हमारी पहुंच से बाहर थी और मेरे लिए भोजन पाना काफी कठिन था। इसलिए मैंने सोचा कि भीख मांगने से अच्छा है कि मैं पत्ते और लकडिय़ां खाऊं। कई सालों बाद उसे काम मिला और इतनी आमदनी भी होने लगी कि वह खाने का इंतजाम कर सके पर वह अपने उसी खाने की आदत के साथ रहा।