नवाज की कुर्सी जाने से सबसे ज्यादा दुखी हुआ "चीन"

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jul, 2017 06:48 PM

nawaz sharif s resignation from the most miserable were china

नवाज शरीफ के जाने से चीन के व्यापारिक निवेश की उम्मीद को तगड़ा झटका लगा है।

इस्लामाबादः नवाज शरीफ के जाने से चीन के व्यापारिक निवेश की उम्मीद को तगड़ा झटका लगा है।एेसे में चीन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। चीन ने पाकिस्तान में 46 अरब डॉलर का निवेश किया है। नवाज शरीफ व्यापारी परिवार से आते हैं और पाकिस्तान में उनकी छवि कारोबार समर्थक नेता के रूप में रही है। चीन के सामने सबसे बड़ा सवाल, पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा ? चीन इस गलियारे पर 46 अरब डॉलर का निवेश कर रही है। यह चीन के लिए बेहद महत्वाकांक्षी योजना है। अगर चीन के इस प्रोजेक्ट को खतरा होता है तो उसके लिए बड़ा आर्थिक झटका माना जायेगा। 

करीब तीन साल पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी इस्लामाबाद यात्रा के दौरान चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के लिए बड़े पैमाने पर निवेश योजनाओं की घोषणा की थी।इसके तहत शिनजियांग को ग्वादर बंदरगाह से जोडऩे के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया जाना है। इसके लिए चीन की 46 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की योजना थी। 2015 में प्रोजेक्ट की शुरूआत हो गई थी। अगर ये पूरा होता है तो इसके जरिए तीन हजार किलोमीटर के सड़क नेटवर्क तैयार के साथ-साथ रेलवे और पाइपलाइन लिंक भी पश्चिमी चीन से दक्षिणी पाकिस्तान को जोड़ेगा। 

अगले प्रधानमंत्री को लेकर हाय तौबा 

नवाज शरीफ के इस्तीफे के बाद पाकिस्तान में अगला प्रधानमंत्री चुन पाना आसान नहीं है। हालांकि, पाकिस्तान के राजनैतिक गलियारों में शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री बनने की चर्चाएं उड़ रही हैं। कोर्ट में उनका नाम भी भेजा गया है। इन परिस्थिति में शहबाज शरीफ को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है। उधर, नवाज शरीफ की पार्टी अभी भी शरीफ परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है। यदि परिवार के बाहर पार्टी का कोई दूसरा नेता चुना जाता है तो उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती सत्ता संभालने से ज्यादा पूरी पार्टी में एकजुटता बनाए रखने की होगी।   
 
ये था पनामा पेपर्स का पूरा मामला 

दुनिया भर में पनामा पेपर्स लीक होने के बाद अंतर्राष्ट्रीय जगत में तहलका मच गया।पनामा पेपर्स के दस्तावेजों में लगभग 500 भारतीयों के नाम भी शामिल हैं, जिसमें राजनीतिक हस्तियों से लेकर फिल्मी सितारे और खिलाडिय़ों के नाम शामिल हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ  के अलावा उनकी बेटी और दामाद का नाम भी पनामा पेपर्स में आया था। 
 
करीब साल भर से लगे थे प्रोजेक्ट में 

पनामा एक देश है जो मध्य अमेरिका में स्थिति है जहां मोजैक फोंसेका नामक एक फर्म है जिसका काम काला धन को सफेद करना है।  गौरतलब है कि इस पनामा पेपर्स के पीछे कई पत्रकारों की अंतर्राष्ट्रीय संघ की टीम काम कर रही थी। पनामा पेपर्स इस तरह से काम करने वाला अपने आप में दुनिया का एक बड़ा संगठन है। इस खुलासे के पीछे पिछले एक वर्ष से करीब 80 देशों के 100 से अधिक मीडिया संगठनों के 400 पत्रकारों ने दस्तावेजों का गहन शोध किया है।
 

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