Edited By ,Updated: 11 Mar, 2017 04:12 PM
9/11हमले ने सिर्फ अमरीका को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। अमरीका को जब हमला करने वाले आतंकियों की सूचना मिली तभी उसने अपना ...
वॉशिंगटन: 9/11हमले ने सिर्फ अमरीका को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। अमरीका को जब हमला करने वाले आतंकियों की सूचना मिली तभी उसने अपना सर्च अॉपरेशन तेज कर दिया था। लेकिन लादेन के मूवमेंट का पता लगाना काफी मुश्किल था। फिर अमरीका को हमले के 3 महीने बाद ओसामा के अफगानिस्तान में होने की खबर मिली, लेकिन वो वहां से भी बच निकला।
जानकारी मुताबिक, CIA के फॉर्मर अफसर ग्रे बर्न्टसेन को 14 नवंबर को एक इंटेलिजेंस रिपोर्ट मिली जिसमें लादेन के जलालाबाद में छुपे होने की खबर थी। इसके बाद 8 लोगों की सीआईए टीम जलालाबाद के लिए रवाना हो गई। फिर एक लोकल गाइड ने सीआईए टीम को तालिबान विरोधी अफगान कमांडर हजरत अली से मिलाया। अली ने तीन फाइटर्स को मदद के लिए यूएस टीम के साथ भेजा। सीआईए की टीम को खबर मिली कि वो जलालाबाद में नहीं है। मोरक्को के रहने वाले लादेन के कथित बॉडीगार्ड अब्दुल्लाह ने बताया कि 17 नवंबर को लादेन ने जलालाबाद छोड़ दिया और वो तोरा-बोरा पहाड़ों की श्रृंखलाएं में जा छिपा था।
अलकायदा के आतंकियों का इलाज करने वाले एक यमनी डॉक्टर ने बताया था कि स्थिति बहुत खराब हो गई थी और उसने ही बिन लादेन को निजी तौर पर कहा था कि अगर वो तोरा-बोरा नहीं छोड़ते हैं, तो कोई जिंदा नहीं बचेगा। फिर लादेन वहां से बच निकला। लेकिन अमरीका ने अलकायदा को निशाना बनाते हुए इन इलाकों में हवाई हमले तेज कर दिए। इन हमलों के बीच लादेन अफगानिस्तान छोड़कर पाकिस्तान में दाखिल हो चुका था। ग्वांतानामो बे में बंद अलकायदा आतंकी ने इस बात का खुलासा काफी देर बाद किया था।