Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Feb, 2018 05:01 PM
मोदी सरकार ने टैक्स चोरी को रोकने के लिए आधार को काफी महत्वपूर्ण दस्तावेज बना दिया है। बैंक अकाऊंट, फोन नंबर के साथ भी आधार लिंक जरूरी हो गया है। टैक्स चोरी रोकने के लिए पाकिस्तान भी भारत के नक्शेकदम पर बढ़ सकता है।
इस्लामाबादः मोदी सरकार ने टैक्स चोरी को रोकने के लिए आधार को काफी महत्वपूर्ण दस्तावेज बना दिया है। बैंक अकाऊंट, फोन नंबर के साथ भीआधार लिंक जरूरी हो गया है। टैक्स चोरी रोकने के लिए पाकिस्तान भी भारत के नक्शेकदम पर बढ़ सकता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा है कि टैक्सपेयर बेस बढ़ाने के लिए नैशनल आइडेंटिटी डेटाबेस का इस्तेमाल करते हुए संभावित टैक्सपेयर्स की पहचान की जाएगी।
21 करोड़ आबादी में 1 फीसदी देते है टैक्स
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब्बासी ने एक इंटरव्यू में कहा कि इस प्लान के तहत टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ाने का विचार है। देश की 21 करोड़ आबादी में 1 फीसदी से भी कम लोग टैक्स चुकाते हैं। लीकेज बंद करने, सही प्रॉपर्टी वैल्यूएशन को प्रोत्साहन, टैक्स रेट में कमी और माफी योजना पर विचार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में टैक्स-जीडीपी अनुपात दुनिया में सबसे कम है और आईएमएफ सहित अन्य एजेंसियों ने कई बार इसको लेकर चिंता जाहिर की है। पाकिस्तान कई बार टैक्स बेस बढ़ाने की कोशिश कर चुका है, लेकिन विरोध की वजह से असफल रहा। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चाहते हैं कि नैशनल डेटाबेस और रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी की मदद से अधिकारी टैक्सपेयर्स प्रोफाइल्स तैयार करें।
अब्बासी ने कहा, 'हम कई रणनीति पर काम कर रहे हैं। आप खर्चों को छुपा नहीं सकते हैं। आपके टेलिफोन बिल्स, यूटीलिटी बिल्स, विदेशी यात्रा, क्रेडिट कार्ड खर्च सारी कहानी कहते हैं।' गौरतलब है कि भारत को सब्सिडी लीकेज बंद करने, टैक्स चोरी रोकने और भ्रष्टाचार को कम करने में आधार से काफी मदद मिली है।