Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Aug, 2017 04:27 PM
पाकिस्तान भले ही आतंकवाद को पनाह देने के आरोपों से आजतक इंकार करता रहा हैं लेकिन इसका सीधा असर उसकी फ्रैंड लिस्ट ...
इस्लामाबाद: पाकिस्तान भले ही आतंकवाद को पनाह देने के आरोपों से आजतक इंकार करता रहा हैं लेकिन इसका सीधा असर उसकी फ्रैंड लिस्ट पर पड़ा हैं।
दरअसल पाकिस्तान के करीबी दोस्त देशों ने धीरे-धीरे उससे दूरी बनानी शुरू कर दी है। इसका ताजा उदाहरण कतर की नई योजना है जिसमें भारत और चीन को शामिल किया गया लेकिन पाकिस्तान का कहीं नाम तक नहीं था। गौरतलब है कि सऊदी सहित गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल(GCC)देशों के साथ संबंध टूटने के बाद अकेले पड़े कतर ने टूरिस्ट्स और व्यवसायियों को आकर्षित करने के मकसद से 80 देशों के लिए वीजा-फ्री एंट्री प्रोग्राम पेश किया जिसमें कतर ने यूएस, यूरोपीय देश, भारत, चीन, रूस को शामिल किया लेकिन पाकिस्तान को कहीं जगह ही नहीं दी।
ऊधर अमरीका की बात करें तो अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संदेश दिया है। ट्रंप ने एक बार फिर जहां भारत के साथ रिश्तों को मजबूत करने की बात कही तो दूसरी ओर अफगानिस्तान की अभी और मदद का आश्वासन भी दिया। भारतीय प्रधानमंत्री और अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दोस्ती का असर अब साफ दिखने लगा है, जिसकी वजह से पाकिस्तान और चीन की मुश्किलें बढ़ गई है।
कुवैत की बात करें तो साल 2011 से ही कुवैत ने पाकिस्तान पर वीजा प्रतिबंध लगा रखे हैं। हालांकि, वीजा पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं लेकिन पाकिस्तानियों को कुवैत जाने के लिए काफी सख्त जांच से गुजरना पड़ता है। GCC देशों के यात्रा प्रतिबंधों के कारण पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए खाड़ी देशों में जाना और वहां काम करना बेहद मुश्किल हो गया है।