पाकिस्तान में सैन्य अदालतों की अवधि बढ़ाने पर सहमति

Edited By ,Updated: 28 Feb, 2017 06:09 PM

pakistan political parties agree to revive military courts

पाकिस्तान में आतंकी मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए गठित विवादास्पद सैन्य अदालतों को जारी रखे जाने पर मंगलवार को सभी दल सहमत हो गए हैं...

इस्लामाबादः पाकिस्तान में आतंकी मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए गठित विवादास्पद सैन्य अदालतों को जारी रखे जाने पर मंगलवार को सभी दल सहमत हो गए हैं। यह कदम हालिया आत्मघाती हमलों में 125 लोगों के मारे जाने के बाद उठाया गया है। दिसंबर 2014 में पेशावर के सैन्य स्कूल पर आतंकी हमले में 150 लोग मारे गए थे। इसमें ज्यादातर छात्र थे। इसके बाद किए गए संविधान संशोधन के तहत जनवरी 2015 में 2 साल के लिए सैन्य अदालतें स्थापित की गई थीं। 

इनकी अवधि पिछले माह समाप्त हो गई थी। लेकिन हालिया आतंकी हमलों के बाद सरकार इन अदालतों का कार्यकाल बढ़ाने का प्रयास कर रही थी। इसी के तहत बड़ी पार्टियों के संसदीय नेताओं की इस्लामाबाद में बैठक हुई और सैन्य अदालतों की अवधि 2 साल और बढ़ाने के लिए संविधान संशोधन पर सहमति बनी। वित्त मंत्री इशाक डार और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता शाह महमूद कुरैशी ने इस फैसले की जानकारी मीडिया को दी। सरकार 6 मार्च को संसद सत्र बुलाएगी जिसमें संशोधन बिल पेश किया जाएगा।

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