Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 May, 2017 06:32 PM
पाकिस्तान पड़ोसी देश ईरान से अपने संबंध और बिगाड़ने से बचने के लिए सऊदी अरब समर्थित 41 देशों के इस्लामिक सैन्य गठबंधन पर अपनी स्थिति को फिर परख रहा...
इस्लामाबाद: पाकिस्तान पड़ोसी देश ईरान से अपने संबंध और बिगाड़ने से बचने के लिए सऊदी अरब समर्थित 41 देशों के इस्लामिक सैन्य गठबंधन पर अपनी स्थिति को फिर परख रहा है। इस गठबंधन का नेतृत्व पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने 2015 में सऊदी अरब द्वारा घोषित इस गठबंधन में शामिल होने में स्पष्ट सीमाओं का पालन करने का फैसला किया है। पाकिस्तान का यह फैसला 20-21 मई को रियाद में अरब इस्लामिक-अमरीका सम्मेलन में सऊदी प्रशासन के बयानों के बाद आया है जिसमें यह सुझाव दिया गया कि इस सैन्य गठबंधन का पहला उद्देश्य ईरान का मुकाबला करना है जो सऊदी अरब का क्षेत्रीय दुश्मन है ।
रियाद सम्मेलन का फोकस ईरान को अलग थलग करने और पश्चिम एशिया में आतंकवाद का मुकाबला करने पर रहा। ईरान इस सम्मेलन का हिस्सा नहीं था। पाकिस्तानी अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि अगर इस गठबंधन का एकमात्र उद्देश्य आतंकवाद से लड़ाई करना होता तो पाकिस्तान सरकार सैद्धांतिक तौर पर इसका हिस्सा होती। एेसा माना जाता है कि सरकार तभी गठबंधन में शामिल हो गई थी जब जनरल शरीफ सैन्य गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए पाकिस्तान रवाना हुए थे।अधिकारियों ने कहा कि इस पर अंतिम निर्णय तब लिया जाएगा जब गठबंधन के नियम एवं शर्तें तय हो जाएंगे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि पाकिस्तान बैठक के दौरान कई प्रस्ताव रखेगा। अधिकारी के मुताबिक, पाकिस्तान यह सिफारिश करेगा कि सैन्य गठबंधन का स्पष्ट उद्देश्य होना चाहिए यानी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई।