Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 10:50 PM
पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद वित्त पोषण निगरानी की सूची में शामिल होने से बचने के लिए एक रणनीति बनाएगा। हाल में पेरिस में हुई बैठक में चीन और सऊदी अरब द्वारा इस मुद्दे पर इस्लामाबाद का साथ नहीं देने के बाद वित्त मंत्री ने सोमवार को यह बात...
इस्लामाबाद: पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद वित्त पोषण निगरानी की सूची में शामिल होने से बचने के लिए एक रणनीति बनाएगा। हाल में पेरिस में हुई बैठक में चीन और सऊदी अरब द्वारा इस मुद्दे पर इस्लामाबाद का साथ नहीं देने के बाद वित्त मंत्री ने सोमवार को यह बात कही।
एक राजनयिक सूत्र ने एएफपी को बताया कि फ्रांस की राजधानी में स्थित धनशोधन निरोधक निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क टीम (एफएटीएफ) के सदस्यों ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान को उन देशों की काली सूची में डालने के लिए वोट दिया जो आतंकवाद के वित्त पोषण से लड़ाई के लिए पर्याप्त काम नहीं कर रहे हैं।
पाकिस्तान को काली सूची में डालने से बचने के लिए तीन महीने का वक्त है। सूची में डाले जाने के बाद उसे विदेशी निवेश मिलने में मुश्किल आएगी और वॉशिंगटन के साथ उसके रिश्ते और तनावपूर्ण हो जाएंगे। अमरीकी अधिकारियों ने आतंकवादी पनाहगारों के कथित समर्थन को लेकर पाकिस्तान पर काफी दबाव बनाया है।
वित्त मंत्री राणा अफजल खान ने एएफपी से कहा, ‘एक मार्च के बाद हम एफएटीएफ के मुद्दे पर बैठक शुरू करेंगे और देखेंगे कि हम इसमें क्या कर सकते हैं और हम क्या रणनीति बना सकते हैं।’ बहरहाल, पर्यवेक्षकों को इस बात पर संदेह है कि इतने कम समय में पाकिस्तान मानकों को पूरा कर सकेगा।