ट्रंप की नई इमिग्रेशन पॉलिसी से भारत के IT प्रोफैशनल्स को होगा सबसे ज्यादा फायदा, जाने कैसे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Aug, 2017 04:23 PM

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक इमिग्रेशन सिस्टम ...

नई दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक इमिग्रेशन सिस्टम का ऐलान किया है। इसके मुताबिक लोगों को  शिक्षा स्तर और जॉब के आधार पर दिया अमेरिका का रेसिडेंस कार्ड मिलेगा। अगर यह प्रस्ताव अमेरिका की कांग्रेस में पास होता है, तो इससे सीधे तौर पर भारत समेत कई देशों को फायदा हो सकता है। इमीग्रेंट्स की तादाद पर लगाम कसने के लिए अमेरिका ने एक नई इमिग्रेशन पॉलिसी तैयार की है।इस पॉलिसी के लागू होने के बाद अमेरिका में लीगल इमिग्रेंट्स की तादाद आधी हो जाएगी। 

भारतीयों के लिए होगा सबसे ज्यादा फायदेमंद
रिफॉर्मिंग अमेरिकन इमिग्रेशन फॉर स्ट्रॉन्ग इम्प्लॉइमेंट (रेज) नाम का ये कानून मौजूदा व्यवस्था को खत्म कर देगा। मौजूदा व्यवस्था के तहत यूएस में लीगल इमिग्रेंट्स को लॉटरी सिस्टम के जरिए चुना जाता है।अब इस व्यवस्था को बदलकर इंस्टीट्यूट आधारित विशेषताओं को तवज्जो दी जाएगी और उसके आधार पर ही ग्रीन कार्ड दिया जाएगा। अगर यह बिल यूएस पार्लियामेंट कांग्रेस में पास हो जाता है और यह कानून बन जाता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा भारत समेत अन्य देशों के उन लोगों को मिल सकता है, जो हाइली-एजुकेटेड और टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स हैं।

ये फैक्टर्स दिलाएंगे ग्रीन कार्ड
प्रस्तावित बिल के मुताबिक अमेरिका का लीगल इमिग्रेंट बनने के लिए आपको अंग्रेजी आनी जरूरी है। लीगल इमिग्रेंट बनने के लिए उम्र की सीमा भी तय की गई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उम्र की सीमा 25 से 36 साल रखी गई है। इसके अलावा यूएस में आपकी हाइ-पेइंग जॉब होनी भी जरूरी है।

इंडियंस को ऐसे मिलेगा फायदा
इंडियन आईटी प्रोफेशनल्स को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा, जो एच-1बी वीजा पर यहां नौकरी के लिए पहुंचते हैं।इसके अलावा इसका फायदा उन लोगों को भी मिल सकता है, जो यहां एजुकेशन पूरा करने के बाद कहीं हाई पेड सैलरी पर जॉब पा लेते हैं।लॉटरी सिस्टम खत्म होने से सिर्फ योग्यता देखी जाएगी। ऐसे में जो व्यक्ति खुद को बिल की शर्तों के मुताबिक योग्य बना पाएगा, उसे ही ग्रीन कार्ड हासिल होगा।

ट्रम्प ने की बिल की तारीफ
इस बिल को लेकर ट्रम्प ने कहा कि इस बिल के पास होने से देश में गरीबी कम होगी और कमाई बढ़ेगी। टैक्सपेयर्स के करोड़ों डॉलर भी इसके जरिए बचाए जा सकेंगे।यूएस प्रेसिडेंट ने कहा कि इस बिल के जरिए हम माइग्रेशन की चेन को खत्म करने में सफलता हासिल कर पाएंगे।इस बिल की वजह से कम स्किल्ड वर्कर्स की जगह प्वॉइंट बेस्ड सिस्टम से बेहतर लोग ग्रीन कार्ड हासिल कर सकेंगे।कॉम्पिटीशन बढ़ेगा और इससे इससे स्किल्ड वर्कर्स, उनकी फैमिली और देश को बहुत ज्यादा फायदा होगा।

H1B वीजा पर सख्त हुए थे ट्रंप
आपको बता दें कि ट्रंप ने सत्ता में आने के बाद H1B वीजा पर कड़ा रुख अपनाया था. जिससे प्रवासी लोगों को काफी फर्क पड़ा था। एच1बी वीजा ऐसे विदेशी पेशेवरों के लिए जारी किया जाता है जो ऐसे 'खास' कामों के लिए स्किल्ड होते हैं. अमेरिकी सिटीजनशिप और इमिग्रेशन सर्विसेज के मुताबिक, इन 'खास' कामों में वैज्ञानिक, इंजीनियर और कंप्यूटर प्रोग्रामर शामिल हैं। हर साल करीब 65000 को लॉटरी सिस्टम के जरिए ऐसे वीजा जारी किए जाते हैं। आईटी कंपनियां इन प्रोफेशनल पर ज्यादा निर्भर होती है।

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