भारत-चीन के बीच संबंध शीतयुद्ध जैसे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Feb, 2018 04:11 PM

relations between india and china  like cold war

अमरीका की एक पूर्व राजनयिक ने कहा है कि भारत और चीन के बीच ‘‘ शीत युद्ध जैसे’’ संबंध बन रहे हैं लेकिन बीजिंग को नियंत्रित करने के लिए अमरीकानेतृत्व वाले किसी मोर्चे में नई दिल्ली के शामिल होने की उम्मीद नहीं है।   अमरीका विदेश मंत्रालय के दक्षिण और...

वाशिंगटनः अमरीका की एक पूर्व राजनयिक ने कहा है कि भारत और चीन के बीच ‘‘ शीत युद्ध जैसे’’ संबंध बन रहे हैं लेकिन बीजिंग को नियंत्रित करने के लिए अमरीकानेतृत्व वाले किसी मोर्चे में नई दिल्ली के शामिल होने की उम्मीद नहीं है।   अमरीका विदेश मंत्रालय के दक्षिण और मध्य एशिया ब्यूरो में काम कर चुकीं एलीजा आयर्स ने यह बात पिछले सप्ताह अपनी पुस्तक ‘‘अवर टाइम हैज कम: हाउ इंडिया इज मेकिंग इट्स प्लेस इन द वल्र्ड ’’ के विमोचन के दौरान कही। 

उन्होंने कहा, ‘‘शीतयुद्ध जैसे संबंध बन रहे हैं। भारत और चीन के बीच मजबूत वाणिज्यिक संबंध हैं, लेकिन ये भारत के लिए ज्यादा संतोषजनक नहीं है और इन्हीं में से मिलते जुलते अनेक ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से अमरीका भी चीन के साथ व्यापार संबंधों से संतुष्ट नहीं है।  विदेश संबंध परिषद में वर्तमान में फेलो एलीजा ने भारत चीन के बीच संबंधों के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हिंद महासागर में चीन जिस प्रकार से अपना प्रभाव बढ़ा रहा है और जिबूती में उसका अड्डा है, उससे भारत चिंतित है ।’’  

उन्होंने कहा कि इसके अलावा चीन के पाकिस्तान, श्रीलंका से बनते गहरे रिश्ते तथा वह दोनों देशों में जिस प्रकार से भारी निवेश कर रहा है, उससे भी भारत ङ्क्षचतित हो सकता है।   अमरीका में ऐसी धारणा कि बीजिंग को नियंत्रित करने के लिए नयी दिल्ली अच्छा विकल्प है, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बात की संभावना कम है कि भारत ऐसी किसी भी पहल का हिस्सा बनेगा।  एलीजा ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारत चीन को नियंत्रित करने के लिए अमेरिकी अगुवाई वाले किसी अभियान में शामिल नहीं होगा। भारत ऐसा नहीं करना चाहता। वह अपने हितों की रक्षा करना चाहता है। वह उदार विश्व व्यवस्था को बनाए रखना चाहता है।  
 

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