Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Nov, 2017 12:31 AM
प्लास्टिक की इस नाव पर तैरते हुए बांग्लादेश के शाहपुरी द्वीप के तटवर्ती गांव के पास पहुंची। यहां बांग्लादेशी सीमा रक्षकों ने उसपर सवार 50 से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमानों को देखा
इंटरनेशनल डेस्कः म्यांमार से निकलने की व्याकुलता में रोहिंग्या समुदाय के लोग प्लास्टिक की बोतलों से बनी नावों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन नावों पर तैरकर रोहिंग्या समुदाय के दर्जनों लोग बुधवार को बांग्लादेश पहुंचे। प्लास्टिक की इस नाव पर तैरते हुए बांग्लादेश के शाहपुरी द्वीप के तटवर्ती गांव के पास पहुंची। यहां बांग्लादेशी सीमा रक्षकों ने उसपर सवार 50 से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमानों को देखा।
स्थानीय बॉर्डर गार्ड कमांडर एस एम अरिफुल इस्लाम ने बताया कि 52 शरणार्थियों ने प्लास्टिक की बोतलों को आपस में बांधकर एक नाव बनाई और उसपर तैरकर नफ नदी को पार किया। यह नदी बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा को एक दूसरे से अलग करती है। इस्लाम ने कहा कि म्यांमार में जातीय हिंसा से परेशान होकर जो लोग भागने का प्रयास कर रहे हैं, वो अभी भी सीमा पार करने के लिए बहुत खतरनाक तरीके अपनाने से नहीं डर रहे हैं।
स्थानीय पुलिस का कहना है कि हाल ही में कम से कम 16 रोहिंग्या शरणार्थी आधे कटे हुए प्लास्टिक के ड्रम से नदी पार करने का प्रयास करते हुए मिले थे।म्यांमार में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ जारी हिंसा के बीच मुसलमानों का वहां से भागना लगातार जारी है।