Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Nov, 2017 12:12 PM
सऊदी अरब में एक महिला ट्रेनर की मेहनत से योग को खेल के रूप में मान्यता मिली है। बताया जा रहा है कि सऊदी में मुस्लिम धर्म गुरु योग का विरोध करते थे। तमाम अडचनों के बावजूद एक महिला योग के प्रचार प्रसार के लिए अरब में काम करती रही...
रियादः सऊदी अरब में एक महिला ट्रेनर की मेहनत से योग को खेल के रूप में मान्यता मिली है। बताया जा रहा है कि सऊदी में मुस्लिम धर्म गुरु योग का विरोध करते थे। तमाम अडचनों के बावजूद एक महिला योग के प्रचार प्रसार के लिए अरब में काम करती रही। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और सऊदी ने योग को मान्यता दे दी।इस महिला का नाम है नाउफ मारवाई, जो सऊदी अरब की पहली योग ट्रेनर हैं। नाउफ सऊदी अरब की पहली सर्टिफाइड योग शिक्षक हैं और उन्होंने अरब देशों में प्रचार-प्रसार के लिए काफी काम किया है। इसके लिए नाउफ को भारतीय काउंसलेट भी सम्मानित कर चुका है।
एक इंटरव्यू में नाउफ ने बताया कि, "योग करने पर मुस्लिम धर्म गुरु धमकी देते थे. हालात तो यह थे कि एक बार मेरा योग पर आर्टिकल छपने पर मुझे फोन पर धमकियां मिली कि आप योग नहीं सिखा सकते, लेकिन इन धमकियों के बावजूद मैं योग के लिए काम करती रही और मेरी मेहनत रंग लाई।" गौरतलब है कि योग टीचर होने के अलावा नाउफ बिजनेसवुमन भी हैं। वे जेद्दाह के रियाद-चायनीज मैडीकल सेंटर की संस्थापक भी हैं। महज 19 वर्ष की उम्र से वे योग कर रही हैं। उनके पिता मोहम्मद भी मार्शियल आर्ट फैडरेशन से जुड़े रहे हैं।