Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jan, 2018 02:16 PM
वैज्ञानिकों ने एक अद्भुत कारनामा करते हुए 9000 साल पुरानी ग्रीक किशोर युवती के चेहरे को दोबारा बनाने में सफलता हासिल की है। इस किशोर युवती का चेहरा आज के किसी भी किशोर के माता-पिता की तरह ही लग रहा है।
सिडनीः वैज्ञानिकों ने एक अद्भुत कारनामा करते हुए 9000 साल पुरानी ग्रीक किशोर युवती के चेहरे को दोबारा बनाने में सफलता हासिल की है। इस किशोर युवती का चेहरा आज के किसी भी किशोर के माता-पिता की तरह ही लग रहा है। हालांकि उसके चेहरे पर कोई हंसी नजर नहीं आ रही है। ‘ग्रीक फॉर डॉन’ नाम की इस युवती के चेहरे को ईसा से लगभग 7 हजार वर्ष पूर्व दिखने वाले लोगों की तरह बनाया गया है जिस काल को मेसोलिथिक काल के नाम से जाना जाता है।
डॉन की हड्डियों और दांतों के विश्लेषण से ऐसा माना जा रहा है कि उसकी उम्र 15 से 18 साल के आस-पास है। उसके जबड़े फैले हुए हैं। माना जा रहा है कि ऐसा जानवरों की त्वचा को चबाए जाने के कारण हुआ है जो कि चमड़े को नरम करने के लिए उस काल में एक सामान्य क्रिया होती थी। इसके साथ ही उसके चेहरे पर भौंहों को तानने वाली मुद्रा है। उसके गुस्से में होने का कारण पूछे जाने पर ऑर्थोडोंटिक्स प्रोफेसर मनोलिस पपग्रीकोराकिस ने मजाकिया लहजे में कहा कि उस युग में उसका गुस्सा न होना असंभव है।
प्रोफेसर मनोलिस ने 3डी प्रिंटिंग तकनीक और डॉन के सिर के टेराकोटा ढांचे से उसके चेहरे का सिलिकॉन से पुनर्निर्माण किया। शोधकर्ताओं ने कहा कि संभवत: डॉन कमजोर थी और हो सकता है वह स्कर्वी से पीड़ित हो। वहीं सबूत इस ओर भी इशारा कर रहे हैं कि उसे कूल्हे और जोड़ की भी समस्या थी। इसकी वजह से वह मुड़ नहीं सकती हो और उसकी मौत हो गई हो। एथेंस के एक्रोपॉलिस संग्रहालय में डॉन को प्रदर्शनी के लिए रखा गया है।
1993 में खोजी गई थी खोपड़ी
साल 1993 में एक गुफा में इस किशोर युवती खोपड़ी खोजी गई थी जिसका नाम ‘ग्रीक फॉर डॉन’ है। उसका यह नाम इसलिए है क्योंकि वह उस दौरान जीवित रही जब सभ्यता का आरंभ माना गया है। संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, थेसाली क्षेत्र में स्थित थियोपेट्रा गुफा सबसे पहले एक लाख वर्ष पहले बसा था। वहां से पैलिओथिक, मेसोलिथिक और निओलिथिक काल के पत्थर के उपकरणों के साथ नवपाषाण काल के मिट्टी के बर्तन भी मिले हैं।