Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 May, 2017 06:03 PM
बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरपंथियों के विरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट के सामने साड़ी पहने हुए यूनानी देवी की मुर्ति को आज अदालत परिसर के भीतर से हटा दिया गया...
ढाका: बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरपंथियों के विरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट के सामने साड़ी पहने हुए यूनानी देवी की मुर्ति को आज अदालत परिसर के भीतर से हटा दिया गया। मूर्ति को सुप्रीम कोर्ट परिसर में ही एक अन्य स्थान पर लगवाया गया है।
धार्मिक कट्टरपंथियों ने दावा किया है कि यह मूर्ति ‘‘गैर-इस्लामी’’ है। साड़ी पहने हुए न्याय की देवी थेमिस की मूर्ति 6 महीने से भी कम पुरानी है लेकिन दक्षिणपंथी समूहों ने इसे हटाने की मांग की। उनका दावा है कि यह मुस्लिमों की धार्मिक भावनाओं को आहत करती है। अटॉर्नी जनरल महबूब आलम ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट संग्रहालय के सामने लगी मूर्ति को हटा कर अदालत परिसर के भीतर ही किसी अन्य जगह पर लगाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा,‘‘उन्होंने(सिन्हा)ने मुझे कल दोपहर को अपने चैंबर में बुलाया जहां कई वरिष्ठ वकील मौजूद थे । हमने मूर्ति को उसके मौजूदा स्थान से हटाने का सुझाव दिया।’’
दक्षिणपंथी समूह गणजागरण मंच ने इस कदम का विरोध करते हुए व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों में से ज्यादातर छात्र थे। वे मूर्ति हटाए जाने के खिलाफ विरोध करते हुए अदालत के सामने एकत्रित हो गए। मूर्ति स्थापित करने वाले मूर्तिकार मृणाल हक ने कहा कि शांति बनाए रखने के लिए इसे हटाया जा रहा है। मीडिया की खबर के मुताबिक, चार से पांच मजदूरों के साथ मूर्ति हटाने का काम देखने वाले हक ने कहा,‘‘मैं नहीं जानता कि मूर्ति को कहां रखा गया, अधिकारियों ने मुझे बताया कि इसे सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी इमारत के समीप पुन: स्थापित किया जा सकता है।’’