Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Feb, 2018 02:20 PM
साउदी अरब में रहने वाला भारतीयों के लिए एक सिख व्यक्ति मसीहा बना हुआ है। वह सैकड़ों भारतीयों को बचाने के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर देता है। भारतीय मूल का एसपीएस ओबेरॉय अब तक 50 से ज्यादा ऐसे भारतीयों की मदद कर चुका है जो सऊदी अरब में काम की...
इंटरनेशनल डेस्क: साउदी अरब में रहने वाले भारतीयों के लिए एक सिख व्यक्ति मसीहा बना हुआ है। वह सैंकड़ों भारतीयों को बचाने के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर देता है। भारतीय मूल का एसपीएस ओबेरॉय अब तक 50 से ज्यादा ऐसे भारतीयों की मदद कर चुका है जो सऊदी अरब में काम की तलाश में आए थे और यहां आकर गलत अपराधों में फंस गए। ओबेरॉय पिछले 12 साल से अपने एनजीओ सरबत दा भला के माध्यम से भारतीयों की मदद के लिए कई केस लड़ रहे हैं। उन्होंने साल 2006 से 2010 के बीच सजा पाने वाले 123 युवकों का केस लड़ा। यह सभी युवा आर्थिक तौर पर कमजोर थे। ऐसा ही एक मामला 2015 में सामने आया था जिसमें 10 भारतीय युवकों को एक पाकिस्तानी युवक की हत्या का दोषी पाया गया था। इन युवकों को मौत की सजा सुनाई गई थी। 2016 में इनकी सजा माफ करने के बदले 'ब्लड मनी' जमा करवाने की मंजूरी दी थी। इस 'ब्लड मनी' को ओबेरॉय ने चुकाया जो करीब 6.5 करोड़ रुपए थी। जिसके बाद लोग उन्हे मसीहा मानने लगे।
बता दें सऊदी के शरिया कानून के अनुसार हत्या करने के बाद उसकी सजा से बचने के लिए पीड़ित परिवार से सैटलमेंट किया जा सकता है। सैटलमेंट में दी जाने वाली रकम को 'ब्लड मनी' कहा जाता है। ओबेरॉय के अनुसार उन्होंने अब तक 88 युवकों को फांसी से बचाया जो सब अपने घर जा चुके हैं। इनमें से कई युवक पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र और हैदराबाद के थे। भारतीय युवाओं की मदद के लिए वह औसतन 36 करोड़ रुपए सालाना खर्च कर देते हैं।