Edited By ,Updated: 01 Apr, 2017 05:39 PM
लीसेस्टर विश्वविद्यालय में 14 साल का मुस्लिम किशोर गणित का प्रोफेसर बन गया है...
लंदनः लीसेस्टर विश्वविद्यालय में 14 साल का मुस्लिम किशोर गणित का प्रोफेसर बन गया है। जी हां, याशा एस्ले का लीसेस्टर विश्वविद्यालय ने अतिथि शिक्षक के रूप में चयन किया गया है। रिपोर्टों के अनुसार लीसेस्टर विश्वविद्यालय में छात्रों को पढ़ाने के बाद वह इसी विश्वविद्यालय से अपनी डिग्री भी पढ़ रहे हैं और उन्हें सबसे कम उम्र के छात्र और विश्व में सबसे कम उम्र के प्रोफेसर के रूप में उपनाम दिया गया है।
याशा एस्ले ने गर्व के साथ कहा कि मैं मेरे लिए अपने जीवन का यह सबसे अच्छा साल है। मुझे नौकरी मिलने से अन्य विद्यार्थियों की मदद करना अच्छा लगता है।
उसने साल 2014 में 12 साल की उम्र में पढ़ाई के लिए राज्य प्राथमिक विद्यालय गया था। वह डिग्री के अंतिम वर्ष में है और इसके बाद वह पीएचडी शुरू करने की योजना बना रहा है। उनके परिवार वाले उसको मानव कैलकुलेटर कहते क्योंकि उनके पास गणित का अविश्वसनीय ज्ञान है! 13 साल की उम्र में उसने विश्वविद्यालय से संपर्क किया था।
घर वालों ने उसको मानव कैलकुलेटर कहा जिसके पास गणित की जटिल समस्या को हल करने का अविश्वसनीय कौशल है। यशा इस दुनिया में उन लोगों में से एक है जिनके पास ऊपर वाले की दी हुई भव्य क्षमता है और वह अपनी इस उपलब्धि को लेकर विश्वविद्यालय के पैनल से मिला था। यह सभी मुस्लिम लोगों के लिए गर्व का क्षण है कि उनमें से कोई व्यक्ति खुद को साबित कर रहा है कि सबसे अच्छा है।