Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Sep, 2017 05:16 PM
म्यांमार में हिंसा के बाद रोहिंग्या मुसलमानों को रखाइन इलाकों से लगातार मारकर भगाया जा रहा है...
इस्लामाबादः म्यांमार में हिंसा के बाद रोहिंग्या मुसलमानों को रखाइन इलाकों से लगातार मारकर भगाया जा रहा है, जिसके चलते ये सभी बांग्लादेश, इंडोनेशिया समेत दूसरे पड़ोसी देशों में शरणार्थी की जिंदगी जी रहे हैं। लेकिन रोहिंग्याओं को मदद देने के नाम पर पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र से आतंकी करार दिए गए संगठन जमात उत दावा और फलह-ए-इंसानियत लोगों से अखबारों में इश्तिहार और अन्य तरीके से खुलेआम चंदे की वसूली करने में लगे हुए हैं।
रावलपिंडी में सोमवार को लोगों को अख़बारों के साथ एक अलग से इश्तिहार मिला जिसमें ‘बर्मा के पीड़ित मुसलमान’ जो कि म्यांमार का पुराना नाम है उसके नाम पर चंदा देने की अपील की गई है। स्थानीय उर्दू अखबार में दिए गए एक पेज के दोनों तरफ इश्तिहार में जमात-उद-दावा और इससे जुड़े संगठन फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन की तरफ से ये अपील है।
इश्तिहार दयनीय तस्वीरें दिखाकर उनसे मदद के नाम पर पैसे की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि एक परिवार को करीब 500 डॉलर देकर उन्हें तीन महीने तक की मदद की जा सकती है। इसमें संपर्क करने के लिए फोन नंबर्स भी दिए गए हैं। इसी तरह, एक घायल के इलाज में 150 डॉलर खर्च करने की बात कही गई है। इस संगठन के प्रवक्ता अब्दुल रहमान ने कहा, हमारी तरफ से रोहिंग्या मुसलमानों के लिए लोगों से चंदे की वसूली पाकिस्तान के सभी जिलों में की जा रही है।
उनकी तरफ से यह भी दावा किया गया है कि ग्रुप के सदस्य कई देशों में पहले से रोहिंग्या मुसलमानों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे भाइयों ने इंडोनेशिया जाकर वहां पर अस्थाई लकड़ी और फाइबर से घरों का निर्माण कराया और उनके लिए किराने का सामान का इंतजाम किया। इसके साथ ही, वहां पर ब्रेड प्लांट भी लगाया।