Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 09:10 AM
मंगल ग्रह पर वायुमंडलीय कार्बन डाईऑक्साइड को प्रभावी तरीके से ऑक्सीजन में बदलने की आदर्श स्थितियां मौजूद हैं। एक नए अनुसंधान में यह दावा किया गया है कि भविष्य में प्लाज्मा तकनीक के इस्तेमाल से ऐसा संभव हो सकेगा।
लंदन, (प.स.): मंगल ग्रह पर वायुमंडलीय कार्बन डाईऑक्साइड को प्रभावी तरीके से ऑक्सीजन में बदलने की आदर्श स्थितियां मौजूद हैं। एक नए अनुसंधान में यह दावा किया गया है कि भविष्य में प्लाज्मा तकनीक के इस्तेमाल से ऐसा संभव हो सकेगा।
पुर्तगाल की यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्टो और पैरिस की इकोल पॉलीटैक्रीक के शोधकर्ताओं के मुताबिक मंगल के वातावरण में 96 प्रतिशत कार्बन डाईऑक्साइड मौजूद है। शोध में दर्शाया गया है कि मंगल के वायुमंडल में दबाव और तापमान का दायरा दिखाता है कि गैर-ऊष्मीय प्लाज्मा का ऑक्सीजन पैदा करने के लिए प्रभावी ढंग से प्रयोग किया जा सकता है।
इस अनुसंधान का परिणाम प्लाज्मा सोर्सेज साइंस एंड टैक्नोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।