Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Feb, 2018 05:45 PM
सुपरमार्केट में रोजाना काफी मात्रा में फल, सब्जियां और अन्य खाद्य सामग्री बरबाद हो जाती है। इस बरबादी को रोकने के लिए फ्रांस ने नया रास्ता निकाला है। फ्रांस दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जहां सुपरमार्केट में बिक्री से बच गई खाद्य सामग्री...
पेरिसः सुपरमार्केट में रोजाना काफी मात्रा में फल, सब्जियां और अन्य खाद्य सामग्री बरबाद हो जाती है। इस बरबादी को रोकने के लिए फ्रांस ने नया रास्ता निकाला है। फ्रांस दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जहां सुपरमार्केट में बिक्री से बच गई खाद्य सामग्री जरूरतमंद लोगों में बांट दी जाएगी। ऐसा नहीं करने पर प्रत्येक उल्लंघन के लिए 2.92 लाख रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। फ्रांस में प्रति वर्ष 29.93 किलो खाद्य सामग्री बरबाद होती है, जबकि वैश्विक स्तर पर उत्पादित खाद्य सामग्री का एक तिहाई हिस्सा बरबाद हो जाता है।
फ्रांस में खाद्य सामग्री को बरबाद होने से बचाने के लिए 2016 में फूड वेस्ट लॉ बनाया गया था। खाने की बरबादी रोकने और जरूरतमंद तक इसकी पहुंच बढ़ाने के मकसद से यह कानून बनाया गया था। इस कानून के बनने से सुपरमार्केट खाद्य सामग्री के रखरखाव के तरीकों को लेकर पहले से अधिक सजग हो गए हैं। फ्रेंच नेटवर्क ऑफ फूड बैंक बैंक्स एलिमेंटेयर्स के मुखिया जैक बैले कहते हैं कि नए कानून से फूड बैंक में आने वाले दान की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार आया है। अब अधिक मात्रा में ताजे फल, सब्जियां और अन्य उत्पाद फूड बैंक में आते हैं।
कानून बनने के बाद से फ्रांस में तकरीबन सवा लाख स्वयंसेवक नौ हजार सुपरमार्केट से बिक्री से बच गए खाद्य पदार्थ दही, पिज्जा, ताजे फल, सब्जियां और चीज एकत्र करते हैं। इस खाद्य सामग्री को वे चर्च और अन्य धर्मार्थ संस्था तक पहुंचाते हैं। यह संस्थाएं इन चीजों को जरूरमंदों में वितरित करती हैं। एक अनुमान के मुताबिक फ्रांस में तकरीबन पांच हजार धर्मार्थ संस्थाएं इस तरह के खाद्य बैंकों पर निर्भर हैं। इनका आधे से अधिक दान सुपरमार्केट से आता है।