Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Mar, 2018 04:18 PM
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन में पूर्व जासूस को जहर देने के मामले में रूस से स्पष्टीकरण मांगा है। इंग्लैंड द्वारा इसका जवाब देने के लिए तय समयसीमा बीत गई है। उधर , रूस ने चेताया है कि शीतयुद्धकाल की साजिशों
लंदन: अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन में पूर्व जासूस को जहर देने के मामले में रूस से स्पष्टीकरण मांगा है। इंग्लैंड द्वारा इसका जवाब देने के लिए तय समयसीमा बीत गई है। उधर , रूस ने चेताया है कि शीतयुद्धकाल की साजिशों की तरह यदि उसे दंडित किया गया तो वह पलटवार करेगा। मॉस्को ने इन आरोपों का खंडन किया है कि डबल एजेंट की हत्या की कोशिश में उसका हाथ है। उसने ब्रिटेन की ओर से इस सवाल का जवाब देने के लिए निर्धारित कल मध्यरात्रि की समयसीमा का भी उल्लंघन किया कि सोवियत संघ में तैयार जहर ब्रिटेन में कैसे पहुंचा। |
बीती चार मार्च को सर्गेई स्क्रीपल और उसकी बेटी यूलिया को ब्रिटेन के सैलिस्बरी शहर में जान से मारने की कोशिश की गई थी। इस घटना ने रूस और ब्रिटेनऔर उसके सहयोगी अमेरिका, नाटो और यूरोपीय संघ को आमने- सामने ला दिया है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरेसा मे ने मास्को की ओर उंगली उठाई थी और कहा था कि इस बात की बहुत संभावना है कि इस घटना के पीछे रूस का हाथ हो। बढ़े तनाव के बीच उन्होंने कहा कि वह बुधवार को लंदन की प्रतिक्रिया बताएंगी। टेरेसा के साथ कल फोन पर ट्रंप ने कहा था कि रूस को इस घटना पर जवाब देना चाहिए जिसके बारे में माना जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह यूरोप में पहला हमला है।
व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि उन लोगों को परिणाम भुगतने के दायरे में लाने की जरूरत है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन कर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया है। मॉस्को में विदेश मंत्री सर्गेई लवरोव ने जोर देकर कहा कि रूस कसूरवार नहीं है। उन्होंने कहा कि रूस ब्रिटेन के साथ सहयोग के लिए तैयार है लेकिन ब्रिटेन ने जहर के नमूने देने से इनकार कर दिया है जो उसने मांगे थे। रूस के दूतावास ने कहा कि उसने औपचारिक तौर पर ब्रिटेन से संयुक्त जांच की मांग की है और कहा है कि इसके बिना लंदन से किसी बयान का कोई मतलब नहीं है। बढ़ते राजनयिक तनाव का पहला संकेत यह है कि रूस ने धमकी दी है कि अगर क्रेमलिन समर्थित आरटी प्रसारक को प्रतिबंधित किया जाता है तो वह रूस में सभी ब्रिटिश मीडिया को प्रतिबंधित कर देगा।