Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Sep, 2017 04:13 PM
2 दिन पहले उत्तर कोरिया के सनकी किंग किम जोंग उन ने अपने बयान में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गैंगस्टर और पागल कहा...
वॉशिंगटनः 2 दिन पहले उत्तर कोरिया के सनकी किंग किम जोंग उन ने अपने बयान में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को गैंगस्टर और पागल कहा । इस बात को लेकर ट्रंप ने भी सख्त प्रतिक्रिया दी। गत दिवस ट्रंप और किम की तू-तू, मैं-मैं पर रूस ने टिप्पणी करते हुए इसे बच्चों की लड़ाई कहा। यानि अमरीका और उत्तर कोरिया की जुबानी जंग पूरी दुनिया में तमाशा बन कर रह गई है।
कुछ राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप कोरिया के ख़िलाफ़ कूटनीति के 'सनकी सिद्धांत' यानी 'मैडमैन थ्योरी' का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर ऐसा है तो उत्तर कोरिया की नज़रों में ख़ुद को 'मानसिक विक्षिप्त' की तरह दर्शाना एक क़िस्म की उपलब्धि कही जा सकती है। इस 'मैडमैन थ्योरी' या 'क्रेज़ी थ्योरी' का मतलब है कि किसी देश को उसके अपने हितों पर काम करने से रोकने के लिए उसके सामने एक अप्रत्याशित दुश्मन की तरह खड़े रहना जो युद्ध या ऐसी किसी भी स्थिति के लिए तैयार है।
डोनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले ही ऐसी अटकलें थीं कि वह विदेश नीति के मोर्चे पर इस तरह पेश आ सकते हैं। अपने चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने अमरीका के प्रत्याशित होने पर सवाल उठाए थे। द वॉशिंगटन पोस्ट' ने जब उनसे चीन के विस्तारवाद के बारे में पूछा था तो उन्होंने कहा था, "हमें अप्रत्याशित होना होगा। हमारे क़दमों का अंदाज़ा लगाना आसान होना ही बुरी बात है।"पिछले महीने ट्रंप ने कहा था कि उत्तर कोरिया को 'आग और प्रकोप' झेलना पड़ेगा।
तब से इन अटकलों को बल मिला है कि ट्रंप सोची समझी रणनीति के तहत ख़ुद को अप्रत्याशित नेता के तौर पर दर्शा रहे हैं जो कभी भी कुछ भी कर सकता है। सवाल ये उठता है कि क्या ट्रंप वाक़ई चाहते हैं कि उत्तर कोरिया उन्हें एक सनकी प्रशासक के तौर पर देखे? और क्या परमाणु ताक़त से लैस एक देश के साथ इस तरह पेश आना क्या दुनिया के लिए खतरा मोल लेना नहीं है। कई अमरीकी विश्लेषक इस ओर इशारा कर रहे हैं कि ट्रंप वैसा ही कुछ कर रह हैं जो निक्सन ने किया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स में स्तंभकार डेविड ब्रूक्स कहते हैं, "ऐसा हो सकता है कि मैडमैन थ्योरी ही यहां पर सही थ्योरी हो। मुझे लगता है कि यह काफी कारगर है, बशर्ते आप सच में 'क्रेज़ी' न हों।" निक्सन और अमरीका की विदेश नीति पर किताबें लिख चुके इतिहासकार जोन हॉफ़ मानते हैं कि अभी यह बात ही पुख़्ता नहीं है कि निक्सन ने सच में यह 'मैडमैन थ्योरी' अपनाई भी थी या नहीं। हालांकि वह कहते हैं कि ट्रंप के संबंध में यह अंदाज़ा सही हो सकता है क्योंकि 'वह विदेश नीति के बारे में कुछ नहीं जानते हैं।'कई लोग यह भी मानते हैं कि उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन ख़ुद क्षेत्र में अपना असर बनाए रखने और अमरीका को धमकाने के लिए 'क्रेज़ी थ्योरी' का इस्तेमाल करते हैं।