Edited By ,Updated: 08 Nov, 2016 02:26 PM
आज 8 नवंबर को लाखों अमरीकी महिलाओं का एेसा सपना पूरा होगा, जिसका उन्हें लंबे समय से इंतजार था...
वॉशिंगटन: आज 8 नवंबर को लाखों अमरीकी महिलाओं का एेसा सपना पूरा होगा, जिसका उन्हें लंबे समय से इंतजार था। वे राष्ट्रपति चुनाव में किसी बड़ी पार्टी की महिला उम्मीदवार के लिए वोट करेंगी। कुछ लोगों ने तो इसके लिए 96 साल लंबा इंतज़ार किया है। अमरीका में 18 अगस्त 1920 से पहले जन्मी महिलाओं ने ज़िंदगी की शुरुआत ऐसे देश में की है, जहां औरतों को वोट देने का ह़क नहीं था। इनमें 98 साल की एस्टेल शुल्ज़ भी हैं। वे दूसरे विश्व युद्ध के दौरान एक कारख़ाने में काम करती थीं। वो शिक्षक थीं। वे जब छोटी थीं, उनकी मां वोट देने जाती थीं, तो उन्हें साथ ले जाती थीं।
एस्टेल दिल की मरीज़ हैं और हॉसपीस में रहती हैं। हॉसपीस वह जगह होती है जहां लोग मृत्यु की इच्छा लिए अंतिम दिन ग़ुज़ारने के लिए जाते हैं। वे कहती हैं, "मैंने यह तय कर लिया था कि इतना तो ज़रूर जिऊंगी कि पहली महिला राष्ट्रपति का चुनाव देख सकूं " मेसाच्युसेट्स की जूलियट बर्नस्टीन का जन्म 1913 में हुआ था, वे 103 साल की हैं। वे कहती हैं, "मुझे याद है कि औरतों को मतदान का अधिकार मिलने के बाद पहली बार अपनी मां के साथ घोड़ागाड़ी में मतदान केंद्र तक गई थी।"
चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य 102 साल की जेरैल्डिन जेरी एमेट ने भी वोट दिया है। शिकागो निवासी, 98 साल की बीएट्रिस लंपकिन कहती हैं, "मेरी मां उन कुछ महिलाओं में से थीं, जिन्होंने अपने बाल कटवा लिए और कीचड़ में घिसट कर चलने वाली लंबी स्कर्ट की जगह छोटी ड्रेस पहन ली थीं।" उन्होंने आगे कहा, "यह हमारे अधिकारों की बात है. यह मतदान करने के हक़ से शुरू हुई. जब मैं इतनी बड़ी हो गई थी कि इसे समझ सकूं, मुझे काफ़ी गर्व हुआ कि महिलाओं ने मतदान करने का अधिकार हासिल कर लिया।" मतदान करने वाली कई महिलाओं को तो बस इसी बात पर खुशी है कि उन्हें राष्ट्रपति चुनाव में एक महिला उम्मीदवार को वोट देने का मौक़ा मिला है, कई ने इस बारे में सोचा तक नहीं था।