Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 11:06 AM
अमरीका ने पश्तो भाषा वाले रेडियो फ्री यूरोप/ रेडियो लिर्बिटज स्टेशन बंद करने के इस्लामाबाद के फैसले पर चिंता जताई है। पाकिस्तान का आरोप है कि अमेरिका द्धारा वित्त पोषित इस स्टेशन में पाकिस्तान के हितों के खिलाफ सामग्रियां प्रसारित की जाती हैं। ...
वाशिंगटनः अमरीका ने पश्तो भाषा वाले रेडियो फ्री यूरोप/ रेडियो लिर्बिटज स्टेशन बंद करने के इस्लामाबाद के फैसले पर चिंता जताई है। पाकिस्तान का आरोप है कि अमेरिका द्धारा वित्त पोषित इस स्टेशन में पाकिस्तान के हितों के खिलाफ सामग्रियां प्रसारित की जाती हैं। विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि हमने ये रिपोर्ट देखी है और पाकिस्तान सरकार के समक्ष अपनी चिंताएं प्रकट की है। हम मामले पर करीब से नजर बनाए हुए हैं।’’
अमरीका दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता का समर्थन करता है। सक्रिय और स्वतंत्र प्रेस लोकतांत्रिक सरकार की आधारशीला होती है।’’ रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी ने साल 2010 में रेडियो मशाल की स्थापना की थी और इसे अमेरिकी सरकार द्वारा धन मुहैया कराया जाता है। अफगानिस्तान से लगे पाकिस्तान के कबाइली इलाके में चरमपंथी प्रचार के विकल्प के रूप में इसकी स्थापना की गई थी। इसके माध्यम से ऐसे श्रोताओं तक पहुंचने की कोशिश की गई जो इससे पहले तालिबानी चरमपंथियों के‘मुल्ला रेडियो’ को सुनते थे।
आई.एस.आई. द्वारा इस रेडियो स्टेशन पर पाकिस्तान के ‘हितों के खिलाफ’ कार्यक्रम प्रसारित करने के आरोप के बाद पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने इस स्टेशन को बंद करने के लिए कहा था हालांकि इस आरोप को रेडियो स्टेशन आरएफई/आरएल ने खारिज कर दिया। आरएफई/आरएल के अध्यक्ष थॉमस केंट ने कहा, रेडियो मशाल किसी भी खुफिया एजेंसी या किसी सरकार के हित में नहीं काम करता है।