Edited By ,Updated: 03 Apr, 2017 03:56 PM
अमरीका के विदेश विभाग की एक रिपोर्ट में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों, सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ पुलिस मामला दर्ज किए जाने और मध्य प्रदेश में 8 संदिग्ध सिमी कार्यकतार्ओं को मुठभेड़ में मार गिराए जाने को लेकर भारत सरकार की आलोचना की गई...
वॉशिंगटनः अमरीका के विदेश विभाग की एक रिपोर्ट में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों, सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ पुलिस मामला दर्ज किए जाने और मध्य प्रदेश में 8 संदिग्ध सिमी कार्यकतार्ओं को मुठभेड़ में मार गिराए जाने को लेकर भारत सरकार की आलोचना की गई है।
ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेज इन इंडिया 2016 शीर्षक रिपोर्ट में गैर-सरकारी संगठनों के विदेशी वित्त पोषण पर रोक, महिलाओं के खतना और दहेज से जुड़ी मौतों को देश की मानवाधिकार समस्याओं के तौर पर बताया गया है।
इसमें वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के लॉयर्स कलेक्टिव और अमेरिका के कम्पैशन इंटरनैशनल के दो प्राथमिक साझीदारों समेत 25 एनजीओ को विदेशी वित्त पोषण प्राप्त करने की सरकारी मंजूरी के नवीनीकरण को नामंजूर किए जाने का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, कई स्वैच्छिक संगठनों ने कहा है कि इस तरह की कार्रवाईयों से भारत में सेवाएं जारी रखने की उनकी क्षमता को लेकर खतरा पैदा हो गया है। रिपोर्ट में चंदा देने वालों के धन के दुरूपयोग के मामले में सीतलवाड़, उनके पति जावेद आनन्द और अन्य के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया जाना मानवाधिकार के कथित उल्लंघनों की अंतर्राष्ट्रीय और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जांच को लेकर सरकारी रवैये को दिखलाता है।
इस रिपोर्ट में भोपाल केंद्रीय कारागर से भागने के बाद प्रतिबंधित स्टूडेंटस इस्लामिक मुवमैंट ऑफ इंडिया (सिमी) के 8 संदिग्ध सदस्यों को एक पुलिस मुठभेड़ में मार गिराए जाने की घटना को आर्बिटरी डिप्रिवेशन ऑफ लाइफ एंड अदर अनलॉफुल ऑर पॉलिटकली मॉटिवेटेड किलिंग्स शीर्षक उपखण्ड में शामिल किया गया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में कथित अनियमितताओं से जुड़े व्यापम घोटाले का भी जिक्र किया गया है। इस रिपोर्ट में इसे भ्रष्टाचार और सरकार में पारदर्शिता के अभाव के तौर पर बताया गया है।