Edited By ,Updated: 12 Mar, 2017 05:08 PM
भारतीय मूल की एक पूर्व वरिष्ठ अमरीकी अधिकारी ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन भारत अमरीका के बीच मजबूत संबंधों की अहमियत को समझता है लेकिन इस संबंधों में उसे ‘नफे नुकसान’ का दृष्टिकोण नहीं अपनाना चाहिए...
वाशिंगटन: भारतीय मूल की एक पूर्व वरिष्ठ अमरीकी अधिकारी ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन भारत अमरीका के बीच मजबूत संबंधों की अहमियत को समझता है लेकिन इस संबंधों में उसे ‘नफे नुकसान’ का दृष्टिकोण नहीं अपनाना चाहिए। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए पूर्व सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने कहा,‘‘ यह प्रशासन पिछले प्रशासनों की ही तरह अमरीका और भारत के बीच मजबूत संबंध की अहमियत को समझता भी है और मानता भी है।’’ उन्होंने कहा कि आेबामा प्रशासन के अंतर्गत दोनों देशों के बीच रिश्तों ने काफी प्रगति की थी, खासतौर पर नरेन्द्र मोदी के सत्ता संंभालने के बाद।
निशा ने कहा,‘‘मुझे लगता है कि हमने उस दिशा में काफी प्रगति की हैं लेकिन दोनों आेर से अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। भारत की क्षमताओं को देखते हुए अमरीका को वहां निवेश के लिए स्पष्ट और अपरिवर्तनीय प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए वहीं भारत की तरफ से उन मुद्दों पर काम करने के लिए दीर्घ अवधि की प्रतिबद्धाएं दिखाई जानी चाहिएं’’ उन्होंने इतने अहम संबंधों में ‘नफे नुकसान’ का दृष्टिकोण नहीं रखने के प्रति आगाह भी किया। उन्होंने कहा कि नफे नुकसान वाला दृष्टिकोण अपने का मतलब है कि आप किस समय आर्थिक तौर पा क्या पा सकते हैं, जिसमें दोनों तरफ से कोई वास्तविक प्रतिबद्धता नहीं होगी। लेकिन जिन क्षमताओं की बात हम कर रहे हैं वह अल्प कालिक नहीं हैं।’’