Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Oct, 2017 08:09 AM
आतंकवाद को पनाह देने के मुद्दे पर अमरीका की आंख की किरकिरी बने और ट्रंप के दबाव से बौखलाए पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर अमरीका को ही नसीहते देनी शुरू कर दी है...
वाशिंगटन: आतंकवाद को पनाह देने के मुद्दे पर अमरीका की आंख की किरकिरी बने और ट्रंप के दबाव से बौखलाए पाकिस्तान ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर अमरीका को ही नसीहते देनी शुरू कर दी है। पाकिस्तान के गृह मंत्री एहसान इकबाल ने अमरीका की चिंता को खारिज करते कहा कि वाशिंगटन को इस बहु-अरब परियोजना को भारत के नजरिए से नहीं देखना चाहिए क्योंकि यह एक ऐसा मंच सुलभ कराएगा जो सबको फायदा पहुंचाएगा।
उल्लेखनीय है कि अमरीकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने पिछले हफ्ते कहा था कि CPEC विवादित क्षेत्र से गुजरता है और अमरीका इस तथ्य की अनदेखी नहीं कर सकता। इकबाल ने अपने बयान में कहा कि CPEC दक्षिण और मध्य एशिया, पश्चिमी और अफ्रीकी देशों को आर्थिक गलियारे के माध्यम से भौगोलिक तौर पर जोड़ने के लिए एक मंच उपलब्ध कराएगा।
50 अरब अमरीकी डॉलर की लागत वाला CPEC, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरेगा जिसको लेकर भारत ने चीन को अपने विरोध के बारे में बता दिया है। इसमें सियाचिन ग्लेशियर समेत काराकोरम पर्वत शृंखला का क्षेत्र भी शामिल होगा। उन्होंने कहा कि अगर अमरीका इस क्षेत्र को भारत के नजरिए से देखेगा तो इससे क्षेत्र के साथ ही अमेरिकी हितों को भी नुकसान होगा। इसलिए जरूरी है कि अमरीका इस स्थिति को स्वतंत्र दृष्टिकोण से देखे, किसी और के नजरिए से नहीं। भारत इस गलियारे का एक कड़ा आलोचक रहा है और उसका मानना है कि यह परियोजना उसके प्रभुता का उल्लंघन करती है क्योंकि यह पीओके से गुजर रही है।