जर्मनी में  नई सरकार बनाने का रास्ता, हो गई डील

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Feb, 2018 05:36 PM

way to form a new government in germany has been cleared

जर्मनी में आम चुनावों के साढ़े चार महीने बाद बड़ी माथापच्ची के बाद आखिर नई सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है।  चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू-सीएसयू और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी एसपीडी के बीच नई सरकार बनाने को लेकर डील हो गई है।

बर्लिनः जर्मनी में आम चुनावों के साढ़े चार महीने बाद बड़ी माथापच्ची के बाद आखिर नई सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है।  चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू-सीएसयू और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी एसपीडी के बीच नई सरकार बनाने को लेकर डील हो गई है। दोनों जर्मनी की सबसे बड़ी पार्टियां हैं, इसलिए उनके गठबंधन को महागठबंधन कहा जाता है। 

यानी यह कुछ ऐसी बात है जैसे चुनाव के बाद भारत में भाजपा और कांग्रेस सरकार बनाने के लिए आपस में गठबंधन कर लें। सीडीयू और एसपीडी को मिले वोट भी लगभग उतने ही हैं जितने 2014 के आम चुनावों में भाजपा और कांग्रेस को मिले। भाजपा  को जहां 31.34 वोट मिले थे, वहीं कांग्रेस को 19.52 प्रतिशत वोटों पर संतोष करना पड़ा था। सितंबर 2017 के जर्मन आम चुनावों में सीडीयू को लगभग 33 प्रतिशत और एसपीडी को 20.5 प्रतिशत वोट मिले। लेकिन भारत और जर्मनी की राजनीति की समानता ज्यादा दूर तक नहीं जाती।

सीडीयू न तो भाजपा है और न ही कांग्रेस एसपीडी। इसकी नीतियों और सियासत के तौर तरीके बहुत जुदा हैं। और यह कोई पहला मौका नहीं जब जर्मनी में सीडीयू और एसपीडी का गठबंधन हुआ है। चौथी बार दोनों पार्टियों ने एक साथ सरकार बनाने का फैसला किया है। पिछले चार साल से जर्मनी में चली सरकार में भी यही दोनों पार्टियां साझीदार हैं। बस अंतर इतना है कि इस बार एसपीडी को न चाहते हुए भी सीडीयू के साथ सरकार में भागीदार बनना पड़ा है।

दरअसल चुनाव में उतरने से पहले ही एसपीडी ने सीडीयू से नाता तोड़ने का मन बना लिया था। चुनावों में पार्टी को जब ऐतिहासिक गिरावट का सामना करना पड़ा तो साफ हो गया कि वह विपक्ष में ही बैठेगी और अहम मुद्दों पर सरकार को घेरकर मतदाताओं में अपना खोया हुआ जनसमर्थन फिर से हासिल करेगी।

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